Category: इंसानियत की मिसाल

टूटती सांसों को जोड़ने के बने लिए ‘ऑक्सीजन मैन’, अब ग़रीबों को घर-घर राशन पहुंचा रहे हैं मोहम्मद जाबिर

कोरोना का क़हर अब कम हो गया है। अप्रैल- मई 2021 में क़हर बरपाने वाली इस महामारी ने अपने पीछे तबाही के ऐसे निशान छोड़े हैं, जिन्हें भुला पाना मुश्किल….

कृष्णकांत का लेखः हिंदुस्तान जिंदाबाद! इस आपदा में लावारिसों का वारिस बना मुस्लिम समाज

कृष्णकांत आपको तबलीगी जमात याद है? वही मरकज वाला कांड। कोरोना हिंदुस्तान आया तो नफरत की राष्ट्रीय फैक्ट्री ने तबलीगी जमात को पकड़ लिया। एक कार्यक्रम की गलती के बहाने….

ग़रीबों के लिये मसीहा हैं डॉ. नूरी परवीन, MBBS होने के बावजूद मात्र दस रुपये में करतीं हैं इलाज

कडप्पाः ऐसे समय में जब मोटी फीस अदा करके चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाले मेडिकल छात्रों का लक्ष्य छह अंकों का वेतन अर्जित करना है या अपना कोर्स पूरा….

हिंदुस्तान की कहानी: गांधी को बतख मियां ने बचाया था, गोडसे ने मार दिया

गोडसे ने गांधी को मारा था, बतख मियां ने गांधी को बचाया था. गोडसे हत्यारा है. बतख मियां गांधी का जीवनदाता है. आप सोच रहे होंगे कि यह बतख मियां….

श्मशान घाट हादसाः मलबे में दबे लोगों के लिये फरिश्ता बने समीर, शादाब और तनवीर, बचाई चार लोगों की जान

नई दिल्लीः बीते रोज़ दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद के मुरादनगर में श्मशानघाट की छत गिरने से 24 लोगों की जान चली गई। इस हादसे की ख़बर कस्बे में आग की….

ईमानदारी की मिसाल बनीं आयशा, लौटाया लाखों की नक़दी और ज्वैलरी से भरा बैग

10 दिसंबर के रोज़ लखनऊ में रहने वाली वंदना मिश्रा के परिवार में शादी थी, वे अपने घर से शादी में जाने के लिये रवाना हुईं। लेकिन इस दौरान उनका….

28 सालों से लावारिसों मुर्दों के मसीहा बने हुए हैं शरीफ चाचा, इसी साल मिला है पद्म श्री

कृष्णकांत इंसानियत को कुचलने के लिए भीड़ की जरूरत है. इंसानियत को बचाने के लिए आपको अकेले चलना होता है. भीड़ आपको अकेला छोड़ देती है. अकेले पड़ने के बाद….

डॉ. आसमा बेग़मः गुवाहटी की वह लेडी जिसने लॉकडाउन में बेज़ुबान जानवरों को खाना खिलाया

नई दिल्ली/गुहाटीः लॉकडाउन ने लोगों की ज़िंदगी अस्त व्यस्त कर दी, सभी को रोज़ी रोटी की फिक्र सताने लगीं. इस दौरान समाजिक संगठनों ने अपनी ज़िम्मेदारी अदा करते हुए भूखे….

बेबसी की तस्वीरः अमृत ने दुनिया छोड़ दी, सरकार ने इंसानियत छोड़ दी लेकिन याकूब ने इंसानियत बचा ली

कृष्णकांत उन दोनों की उम्र 23 साल की थी. एक का नाम था अमृत कुमार, दूसरे का नाम था मोहम्मद याक़ूब. दोनों सूरत की टैक्सटाइल फैक्ट्री में काम करते थे…..

तपती सड़क पर नंगे पांव घर को लौट रहा था मजदूर का परिवार, पत्रकार सलमान ने पहना दिए अपने जूते

नई दिल्लीः कोरोना महामारी ने भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। कोरोना के ख़तरे के मद्देनज़र सरकार द्वारा लॉकडाउन किया गया, लेकिन इस लॉकडाउन के कारण ग़रीब मजदूर के….