Author: कृष्णकांत

दुनिया में नाकारा प्रशासन का इससे घटिया उदाहरण मौजूद नहीं है जहां खुद पुलिस ही कंट्रोल में न रह जाए।

वे बंदूक और ठोंको नीति का सहारा लेकर अपराधियों को कंट्रोल करने निकले थे. न अपराध कंट्रोल हुआ, न अपराधी कंट्रोल में आए, न पुलिस कंट्रोल में रह गई. हर….

राफेल डील में नया खुलासा, ‘बिचौलिए’ को दिया गया 65 करोड़ रुपये घूस सीबीआई और ईडी को भी थी जानकारी

फ्रांस की एक ऑनलाइन पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ ने एक फेक रसीद प्रकाशित करते हुए दावा किया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने डील कराने के लिए भारतीय….

कृष्णकांत का लेख: बड़े नेता ऐसी भाषा बोलते हैं, फिर कोई बिगड़ैल शहजादा गाड़ी लेकर निकलता है और कुचल भी देता है।’

सिर्फ 5 साल नहीं, इनके जीवन भर की उपलब्धि यही है। ये माननीय देश के सबसे बड़े सूबे के सीएम हैं और कथित संत भी हैं लेकिन इनकी भाषा देखिए….

राष्ट्रवादी परिवारवाद का डीएनए और एनडीए

आज हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रवादी परिवारवाद के क्या क्या फायदे हैं. कांग्रेस डेढ़ सौ साल पुरानी पार्टी है, इसलिए उसका परिवारवाद बहुत खराब चीज है, इससे देश को नुकसान….

कॉरपोरेट, कट्टरता और निरंकुश सत्ता से लड़ने की हिम्मत सिर्फ राहुल गांधी के ही पास है।

पिछले सात साल से सभी विपक्षी पार्टियां मुसलमानों का नाम लेने से डरने लगी थीं. लेकिन अब यह डर दूर हो रहा है. तुष्टिकरण एक बात है, लेकिन बहुसंख्यकवाद को….

राज्यपाल सत्यपाल मलिक को 300 करोड़ रिश्वत की पेशकश करने वाला वह RSS नेता कौन है?

राज्यपाल सत्यपाल मलिक को 300 करोड़ रिश्वत की पेशकश किसके इशारे पर की गई थी? वह आरएसएस का बड़ा नेता कौन था जिसकी तरफ से 150 करोड़ देने की पेशकश….

कृष्णकांत का लेख: उर्दू के दो शब्द सुनकर फर्जी हिंदुओं का धर्म खतरे में आ जाता है।

भारत में किसी फर्जी हिंदू की अभी इतनी औकात नहीं हुई है कि तुलसीदास से उनका “ग़रीबनवाज़” छीन ले। हालांकि, वे अश्लील कोशिश करते रहते हैं। किसी कम्पनी ने त्योहारों….

अंधेरे में रोशनी की किरण, क्या रोशन होगी कांग्रेस की किस्मत?

कुछ लोगों ने पूछा, कांग्रेस ने पिछले दशकों में कितना महिला सशक्तिकरण किया? स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने तीन महिलाओं को पार्टी अध्यक्ष बनाया था. 1917 में एनी बेसेंट….

500 से ज्यादा मौतों के बाद भी सरकार किसान आंदोलन को लेकर क्रूरतापूर्ण बेपरवाही दिखा रही है

किसान आंदोलन इस बात का भी इंडीकेटर है कि भारत में लोकतंत्र कितना बचा है! आजादी के पहले नील विद्रोह, चंपारण सत्याग्रह, खेड़ा सत्याग्रह, बारदोली सत्याग्रह जैसे तमाम आंदोलन हुए…..