शामली: उत्तर प्रदेश में शामली जिले की तीन विधानसभा सीटों कैराना, शामली और थानाभवन पर कांग्रेस के अलावा सभी प्रमुख दलों के पत्ते खुलने के बाद मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कैराना सीट से सांसद और विधायक रहे स्वर्गीय हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को मैदान में उतारा है जबकि समाजवादी ने हसन परिवार के नाहिद हसन को एक बार फिर मैदान में उतारा है। नाहिद हसन कैराना से दूसरी बार विधायक हैं, उन्होंने पहली बार 2014 के उप-चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की थी, सपा उन पर फिर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। सूबे में भाजपा सरकार आने के बाद नाहिद की मुश्किलें बढ़ी हैं, उन पर गैंगस्टर का मामला भी दर्ज है, पिछले 11 महीने से फरार नाहिद हसन को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया है जब वह कोर्ट में आत्मसमर्पण को जा रहे थे।
आम आदमी पार्टी (आप) ने कैराना सीट से तरसपाल तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से राजेन्द्र उपाध्याय को टिकट देकर भाजपा प्रत्याशी की राह रोकने का दिखावा किया है क्योंकि कैराना विधानसभा सीट पर उपाध्याय बिरादरी के मतदाता निर्णायक भूमिका में है ही नही।
शामली सदर विधानसभा सीट से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक तेजिंद्र निर्वाल को टिकट देकर फिर से मैदान में उतारा है जबकि सपा-लोकदल गठबन्धन प्रत्याशी के रूप में भाजपा छोड़कर लोकदल में गए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षा के पति प्रसन्न चौधरी पर विश्वास जताया है। बसपा ने अपने प्रत्याशी के रूप में बिजेंद्र मलिक व आम आदमी पार्टी ने बिजेंद्र मलिक(कुडाना) को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नही की है।
थानाभवन सीट पर भाजपा के कद्दावर मंत्री सुरेश राणा फिर से मैदान पर हैं जहां उनका मुकाबला सपा-लोकदल गठबंधन के अशरफ अली से होगा। उधर बसपा ने राजकुमार सैनी और आप ने अरविंद देशवाल को टिकट थमाया है जिससे सुरेश राणा की मुश्किलें बढ़ी हैं। कांग्रेस अभी इस सीट पर असमंजस की स्थिति में है क्योंकि कांग्रेस भी थानाभवन सीट से सैनी बिरादरी के व्यक्ति को ही प्रत्याशी बनाना चाहती थी लेकिन बसपा द्वारा सैनी प्रत्याशी पर दांव लगाकर कांग्रेस को अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर दिया है।