नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। वीडियो एक बुजुर्ग का है, जो सड़क किनारे काम कर रहा था, और इसी दौरान नमाज़ का समय हो गया, तो बुजुर्ग शख्स ने अपनी चादर को मुसल्ला बनाकर फुटपाथ पर नमाज़ पढ़ने की गरज़ से बिछाना शुरू किया, इसी बीच वहां एक शख्स आता है और वह बुजुर्ग को नमाज़ नहीं पढ़ने देता। इस वीडियो को मशहूर एंकर साक्षी जोशी ने ट्वीट किया है। उन्होंने उस ज़हरजीवी शख्स को भी फटकार लगाई है जिसने नमाज़ नहीं पढ़ने दी।
वो काम पर हैं, बीच में नमाज़ पढ़ने का समय हुआ तो घर जाएँगे?
वीडियो बनाने आ गए, उधर पढ लूँ नमाज़ पूछा तो उधर भी नहीं। ये होता कौन है खुद फ़ैसला करने वाला कि कोई नमाज़ पढ़ सकता है या नहीं!
घिनौने लोगों का हो गया है हमारे देश पर क़ब्ज़ा। बचा लीजिए आप सब
pic.twitter.com/cMzOHWr1UW— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) December 27, 2021
इस वीडियो को ट्वीट करते हुए साक्षी ने कहा कि वो काम पर हैं, बीच में नमाज़ पढ़ने का समय हुआ तो घर जाएँगे? वीडियो बनाने आ गए, उधर पढ लूँ नमाज़ पूछा तो उधर भी नहीं। ये होता कौन है खुद फ़ैसला करने वाला कि कोई नमाज़ पढ़ सकता है या नहीं! घिनौने लोगों का हो गया है हमारे देश पर क़ब्ज़ा। बचा लीजिए आप सब।
बहुत तकलीफ हुई इस विडियो को देखकर .
कितना बेचारा दिख रहा है वो आदमी , जिसे नमाज पढ़ने से रोक दिया गया.
काश , मेरा घर वहां होता तो मैं उन्हें नमाज पढ़ने की जगह देकर खुद को खुशनसीब समझता .
उनकी तरफ से मैं आपसे माफी मांगता हूं भाई जान..
पता नहीं इतनी नफरत कैसे पालते हैं लोग ? https://t.co/vAFXAhJnWk— Ajit Anjum (@ajitanjum) December 27, 2021
साक्षी द्वारा ट्वीट किये गए इस वीडियो को अजित अंजुम ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि बहुत तकलीफ हुई इस विडियो को देखकर. कितना बेचारा दिख रहा है वो आदमी , जिसे नमाज पढ़ने से रोक दिया गया. काश, मेरा घर वहां होता तो मैं उन्हें नमाज पढ़ने की जगह देकर खुद को खुशनसीब समझता.उनकी तरफ से मैं आपसे माफी मांगता हूं भाई जान. पता नहीं इतनी नफरत कैसे पालते हैं लोग?
कोविड के दौरान इस नफरती वर्ग को कोविड संक्रमण के डर की वजह से अपने रिश्तेदारों के शवों तक को शमशान घाट ले जाने में फटी पड़ी थी. तब सिख और मुसलमानों ने इनकी मदद की थी। अभी ये हिन्दू धर्म के रक्षक बने फिर रहे है.
ये तुम अपनी नस्लों के लिए दुश्मनी बोकर जा रहे हो। https://t.co/e3epenzrwJ— Faizul Hasan (@hasanfaizulkhan) December 28, 2021
साक्षी के इस वीडियो को शेयर करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैज़ुल हसन ने कहा कि कोविड के दौरान इस नफरती वर्ग को कोविड संक्रमण के डर की वजह से अपने रिश्तेदारों के शवों तक को शमशान घाट ले जाने में फटी पड़ी थी. तब सिख और मुसलमानों ने इनकी मदद की थी। अभी ये हिन्दू धर्म के रक्षक बने फिर रहे है. ये तुम अपनी नस्लों के लिए दुश्मनी बोकर जा रहे हो।