लखनऊ: रिहाई मंच ने इलाहाबाद के जावेद मोहम्मद को रासुका के तहत निरुद्ध करने और टांडा के इरफान पठान पर गुंडा एक्ट लगाकर गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की. मंच ने कहा कि जिस नुपुर शर्मा के बयान के बाद हुए प्रदर्शनों के बाद ये कार्रवाइयां हो रही हैं उनको अब तक गिरफ्तार तक नहीं किया गया. किसी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तो किसी को गुंडा एक्ट के तहत तो जुबैर को कभी इस अदालत तो कभी उस अदालत का चक्कर लगवाया जा रहा है.
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि जावेद मुहम्मद के खिलाफ पुलिस के पास कोई सुबूत नहीं है इसलिए वह रासुका के जरिए उन्हें जेल में कैद करने का षड्यंत्र कर रही है. जावेद मुहम्मद के नाम नोटिस देकर उनकी पत्नी के मकान को गिराने वाली पुलिस सिर्फ और सिर्फ बदले की कार्रवाई कर रही है.
उन्होंने कहा कि टांडा में जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान जिस इरफान पठान को पुलिस ने बुलाकर लोगों को शांत कराने की कोशिश की उसी इरफान पठान पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई। इससे साफ है कि पुलिस राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमे में फंसाने और जेलों में सड़ाने की साजिश कर रही है.
मंच ने कहा कि अंग्रेजों के काले कानून रौलट एक्ट की तरह इंदिरा गांधी ने रासुका लागू किया। ताकि बिना मुकदमे चलाये नागरिक के वकील, दलील, अपील के कानूनी अधिकारों को कुचला जा सके. उसी तर्ज़ पर योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर रासुका का इस्तेमाल कर मुस्लिम-दलित समुदाय के लोगों को जेल में ठूंसा.