दो दिन से पुलिस हिंरासत में बंद प्रियंका गांधी के तेवर आज बदले हुए हैं. हिरासत से ही उन्होंने फोन पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और सरकार को चुनौती दी कि जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होता, जब तक उनका बेटा गिरफ्तार नहीं होता, हम यहां से नहीं हिलेंगे. पढें पूरा भाषण-
हम आप ये प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? हम समझते हैं कि किसान है तो हिंदुस्तान है. किसान इस देश का अन्नदाता है. अपने खून और पसीने से किसानों ने इस धरती को सींचा है. हमारे देश को किसानों ने आजादी दिलवाई, इस देश की आजादी के लिए शहीद हुए. और आज भी किसानों के बेटे हमारी सीमाओं पर हमारी सुरक्षा कर रहे हैं. जब कोई किसान संघर्ष या आंदोलन में अपनी जान गंवाता है तो उसे हम मृतक नहीं कहते, उसे हम शहीद कहते हैं. वे शहीद कहलाते हैं.
आज ऐसी कायर सरकार है कि इनका गृह राज्यमंत्री भरी सभा में जनता को धमकाता है. डरता है वो जनता की आवाज से. उसका बेटा जनता को गाड़ी के पहियों से कुचल देता है. ये कायरों की सरकार इन अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय अपनी पूरी पुलिस को एक विपक्ष की महिला को रोकने के लिए लगा देती है. जब हादसा हुआ तब कहां थी ये पुलिस.
मैं पूछना चाहती हूं कि मोदी जी आपकी नैतिकता कहां है.
जनता की रक्षा ही सबसे बड़ा धर्म है. सभी जीवों की रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म राजा का है. आज मोदी अमृत महोत्सव के लिए लखनऊ आए, पर किसानों के आंसू पोछने लखीमपुर खीरी नहीं आ पाए.
इस सरकार से मैं कहना चाहती हूं कि हम कांग्रेस के सिपाही हैं. कांग्रेस समझती है कि किसानों ने इस देश के लिए क्या किया है. हम समझते हैं कि इस देश की रीढ़ की हड्डी किसान हैं. हम तुम्हारी तरह कायर नहीं हैं. हम तुम्हारी तानाशाही के सामने नहीं झुकेंगे. जितना मुझे दबाने की कोशिश करोगे उतनी शक्ति से मैं किसानों की आवाज उठाऊंगी.
साथियो! मैं कहना चाहती हूं कि हम तब तक ये संघर्ष खतम नहीं करेंगे जब तक ये गृह राज्यमंत्री इस्तीफा नहीं देता. जब तक उसका अपराधी बेटा गिरफ्तार नहीं होता, हम नहीं रुकेंगे. चाहे हमें कितनी भी देर तक यहां रुकना पड़े, चाहे कितना ही संघर्ष करना पड़े. हम नहीं रुकेंगे.
जय किसान! जय हिंद!