नई दिल्लीःबिहार के वैशाली ज़िले में गांव रसूलपुर हबीब की गुलनाज परवीन (लगभग 20 वर्ष ) को छेड़खानी का विरोध करने पर गांव के दबंगो ने जिस तरह से ज़िन्दा जलाने जैसा कुकृत्य किया है। इसने देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि 20 दिन गुज़र जाने के उपरांत भी पुलिस सभी अपराधियों को गिरफ्तार करने में असफल रही है। इस संबंध में जमीयत उलमा बिहार के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती जावेद इकबाल किशनगंजी ने जमीअत उलमा ए हिंद नई दिल्ली के कार्यालय को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसमें बताया गया है कि 20 वर्षीय गुलनाज एक अनाथ लड़की है जिसका लाभ उठाकर गांव के कुछ समाज विरोधी तत्वों ने उसके साथ अत्याचार किया और न मानने पर जलाकर मार दिया।
इस संबंध में जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है जिसमें इस तरह की घटना पर अत्यधिक दुख प्रकट करते हुए इसे सभ्य समाज के लिए कलंक बताया है। चाहे यह घटना किसी भी वर्ग के साथ हो उसको करने वाले सारी मानवता और पूरे समाज के दुश्मन हैं। अगर समाज का कोई व्यक्ति किसी अपराधी का बचाव सिर्फ़ इसलिए करता है कि वह उसकी जाति या धर्म से संबंध रखता है तो उसका यह कार्य अत्याधिक शर्मनाक और नीचता का है।
मौलाना मदनी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है कि व्यक्तिगत तौर से इस घटना का नोटिस लें और अपराधियों को सख़्त से सख़्त सज़ा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए और मृतका के परिवार वालों को पचास लाख रुपये मुआवज़ा और उसके परिवार के किसी समर्थ व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए। मौलाना मदनी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से पुलिस प्रशासन के व्यवहार की भी शिकायत की है जो शोषण, बलात्कार और हत्या जैसे मामलों में भी सुस्ती और लापरवाही से काम लेती है या किसी शक्तिशाली समाज के प्रभाव से प्रभावित होकर अपराधियों को ढील देती है। इसलिए आवश्यक है कि महिलाओं की सुरक्षा और अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए हर ज़िले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए और इसके तहत स्पेशल टास्क फोर्स बनाया जाए जो इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए तुरंत न्यायिक कार्यवाही कर सके।