नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी से बग़ावत करके भाजपा का दामन थामने वाले कपिल मिश्रा अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन जनता उन्हें नकार दिया और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को जिता दिया। चुनाव हारने के बाद भी कपिल मिश्रा अपने विवादित बयानों से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि वे अपने बयानात पर अड़े हुए हैं।
दरअस्ल वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने ट्वीट करते हुए सवाल किया था कि क्या जनता ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है। बरखा ने अपने ट्वीट में कहा था कि ‘कपिल मिश्रा की हार ने सभी सैद्धांतिक बहसें सुलझा दीं हैं कि क्या नफरत भरे नारे और नफरत की राजनीति ने काम किया? भाजपा अब एक अंक पर। यह इस बात का प्रमाण है कि ध्रुवीकरण में विफल हुआ है।’
इस पर कपिल मिश्रा ने कहा कि मैंने जो कहा CAA के विरोधियों के बारे में या शाहीन बाग के बारे में – उस पर आज भी कायम हूँ, डंके की चोट पर चुनाव परिणाम आज प्रतिकूल आया हैं, कल अनुकूल भी आएगा, और मेहनत करेंगे. पर इस परिणाम से, CAA या शाहीन बाग पर सोच बदल लेंगे, ये गलतफहमी मत पालिये. बता दें कि कपिल मिश्रा ने दिल्ली चुनाव को भारत पाकिस्तान का मुक़ाबला बताया था, जिसके बाद कपिल मिश्रा के खिलाफ चुनाव आयोग ने एक्शन लिया था।
कभी अरविंद केजरीवाल के खासमखास माने जाने वाले कपिल मिश्रा जब आम आदमी पार्टी से अलग हुए तो उन्होंने अपने ऊपर चढ़ा हुआ सेक्यूलर लबादा उतार फेंका, और फिर भाजपा के उन नेताओं में शामिल हो गए जो अक्सर विवादित एंव भड़काऊ बयान देते हैं। कपिल मिश्रा केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे, लेकिन बग़ावत करने के बाद उन्हें आम आदमी पार्टी से निकाल दिया गया था।