Category: शख़्सियत

ज़रा याद करो क़ुर्बानी: जंग-ए-आज़ादी का वह सूरमा आज़ाद हिंद फ़ौज सेनानी कर्नल गुरबख़्श सिंह ढिल्लन

ज़ाहिद ख़ान 6 फरवरी, आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक सदस्य कर्नल गुरबख़्श सिंह ढिल्लन का स्मृति दिवस है। यही वह तारीख़ है, जब जंग-ए-आज़ादी का यह सूरमा हम से हमेशा….

जन्मदिन विशेषः ख़ान अब्दुल गफ़्फार ख़ान मानवता के लिये वह समर्पित सरहदी गांधी जिन्होंने 35 साल जेल में बिताए

फैज़ुल हसन एक अज़ीम सियासतदां जिन्होंने भारत की आज़ादी में हिस्सा लिया और अपने कामों के ज़रिए उन्हें “सरहदी गांधी” (सीमान्त गांधी), “बच्चा खाँ” तथा “बादशाह खान” के नाम से….

हलीमा एडेन: संघर्ष से शिखर तक मां ने कभी कहा था रोल मॉडल बनना, और वह बन गई अनगिनत लड़कियों की रोल…

हलीमा एडेन पिछली कई पीढ़ियों से अराजकता और बदहाली झेल रहे सोमालियाई लोगों को अगले कितने दशकों में चैन की जिंदगी नसीब होगी, कोई नहीं जानता। आज भी यह देश….

रफी अहमद किदवई: जिन्होंने करके दिखाया कि कैसे राजनीति को माफिया और पैसे से मुक्ती मिल सकती है

साकिब सलीम जवाहरलाल नेहरू और स्वतंत्रता सेनानी के नेतृत्व वाले पहले कैबिनेट मंत्रालय के सदस्य रफी अहमद किदवई, वह सब कुछ थे जो एक भारतीय राजनेता को बनने की ख्वाहिश….

जन्मदिन विशेषः लाला लाजपता राय, मज़हब हक़परस्ती और मिल्लत क़ौमपरस्ती निभाने वाले महान क्रांतिकारी

जाहिद ख़ान सारे देश में ’पंजाब केसरी’ के नाम से मशहूर लाला लाजपत राय की पहचान, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के अहम नेता के तौर पर है। लाला….

राम पुनियानी का लेख: भारत को अंग्रेज़ों का ग़ुलाम बनाने की राह में चट्टान बनकर खड़े थे टीपू, लेकिन आज उस महान…

हाल में कर्नाटक में दलबदल और विधायकों की खरीद-फरोख्त का खुला खेल हुआ जिसके फलस्वरूप,  कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई और भाजपा ने राज्य में सत्ता संभाली। सत्ता में आने के….

जब अंग्रेज़ों को चकमा देने के लिए ‘मुहम्मद ज़ियाउद्दीन’ बने थे नेता जी

सुभाष बाबू का यह वाक्य देखने और पढ़ने में भले ही सामान्य लगे, वह इतिहास में लड़े गए एक अनोखे स्वाधीनता संग्राम का प्रारंभ था। बांग्ला में कहे गए इस….

तसनीम ख़ान: सदियों से बंद गलियों, दरवाज़ों खोलने के लिए ‘आधी दुनिया पूरी बात’ कहने वाली लेखिका

सदियों से बंद गलियों, दरवाजों, खिड़कियों को खोलने के लिए पितृसत्ता से लड़ना कभी किसी के लिए भी आसान नहीं रहा। इससे बाहर निकल अपना एक मकाम बना पाना मुश्किल….

जन्मदिन विशेष: उर्दू अदब में तरक़्क़ीपसंद तहरीक की हामी क़ुर्रतुल ऐन हैदर, जिन्हें माना गया फ़िक्शन का सबसे अहम सुतून

जाहिद ख़ान क़ुर्रतुल ऐन हैदर आज़ादी के बाद भारतीय फ़िक्शन का सबसे अहम सुतून मानी जाती हैं। जिनकी तख़्लीकात ने उर्दू अदब को एक नई राह दिखलाई। उसे ऊंचाईयों पर….

मौलाना इमदाद साबरी: नेताजी सुभाष चंद्रा बोस के सबसे वफ़ादार साथी

मोहम्मद उमर अशरफ मौलाना शरफ़ुल्हक़ सिद्दीक़ी के घर 16 अक्तूबर 1914 को एक लड़का पैदा हुआ, जिसका नाम उन्होंने अपने उस्ताद हाजी इमदादुल्लाह मुहाजिर मक्की और रशीद अहमद गंगोही के….