Category: चर्चा में

पूर्व IPS का लेख: सेना के नाम पर छलावा है अग्निपथ योजना

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया गया कि, भारतीय सेना में हर साल 50,000 से अधिक लोगों की भर्ती हुआ करती थी। यह आंकड़े भी दिए गए कि,….

आक्रोशित युवाओं के नाम रवीश का पत्र, ‘आप लड़ने लायक़ नहीं बचे, आप अपने भीतर की सांप्रदायिकता से ही लड़ कर दिखा दीजिए…’

मेरे प्यारे आक्रोशित युवाओं, मीडिया तो अभी से आपको अग्निवीर कहने लगा। जिस नीति के विरोध में आप सड़कों पर उतरे हैं, उसी नीति के नाम से आपकी पहचान होने….

इसे कहते हैं पत्रकारिता, NDTV के सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट ने बेनकाब किया सहारनपुर पुलिस का झूठ

आनंद स्वरूप वर्मा एनडीटीवी के पत्रकार सौरभ शुक्ला के प्रति हम सबको खुलकर सम्मान प्रकट करना चाहिए। सौरभ ने अथक परिश्रम कर सहारनपुर के मुस्लिम युवकों की थाने में पिटाई….

प्रियदर्शन का लेख: बादशाहों के ज़ुल्म और इंसाफ़ में बहुत कम का अंतर होता है

आप जब नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर हंगामा करते हैं तो बहुत सारे लोगों की बांछें खिल जाती हैं। उन्हें अपने लिए कई प्रमाण मिल….

राहुल गांधी से डरी हुई है मोदी सरकार

सुसंस्कृति परिहार ज्यों ज्यों 2024के चुनाव करीब आ रहे हैं मोदी सरकार निरंतर क्रूर और बर्बर होती जा रही है।ई डी की जांच कोई बड़ी बात नहीं है ये तो….

कृष्णकांत का सवाल: संघ परिवारी अंग्रेजों की गुलामी से घायल क्यों नहीं हुए?

जहर की फैक्ट्री में सिर्फ जहर-बुझे पुरुष शामिल नहीं हैं। अब इनमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भी भागीदारी है जो गांधी, नेहरू, राष्ट्रीय आंदोलन और तमाम क्रांतिकारियों का मजाक….

राहुल तो बेखौफ मगर कांग्रेसियों की हिम्मत कितनी?

अगर मोदी सरकार ने इसे पेशेंस का खेल बना दिया तो कांग्रेसी जल्दी हार जाएंगे। राहुल लड़ेंगे, आखिरी तक। उनमें हिम्मत बहुत है। मगर कांग्रेसी भाग लेंगे। अभी भी कितने….

अजीत साही का लेख: जो भी RSS, BJP गोडसे का समर्थक है, वो मुसमलानों और ईसाइयों के नरसंहार का समर्थक है!

आइए एक बार फिर से आपको खुल कर हिंदुत्व के बारे में बतला दिया जाए. हिंदुत्व वो विचारधारा है जो कहती है कि भारत सिर्फ़ हिंदुओं का देश है और….

अभय कुमार का लेख: वे आफ़रीन फ़ातिमा से क्यों डरते हैं?

प्रयाग राज में रविवार को जो हुआ वह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। उस दिन सत्ता का पूरी तरह से दुरुपयोग किया गया था। यह संविधान का गला….

पुष्परंजन का सवाल: टीवी पर नफ़रत रोकने की पहली ज़िम्मेदारी किसकी?

अमीर लियाक़त हुसैन कराची से प्रसारित ‘बोल टीवी‘ के एंकर रहे हैं। पाकिस्तानी एंकरों में इसकी प्रतिस्पर्धा रहती है कि राष्ट्रवाद का रायता कौन, कितना फैला सकता है। अमीर लियाक़त….