Category: चर्चा में

राम पुनियानी का लेखः भारतीय संस्कृति को संपन्न बनाने में जो योगदान दिया उसे मिटाने की कोशिशें जारी हैं।

जब जेम्स स्टुअर्ट मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू काल, मुस्लिम काल और ब्रिटिश काल में विभाजित किया, उसी समय उन्होंने अंग्रेजों को ‘फूट डालो और राज करो’ की उनकी….

कृषि विधेयक काला कानून, अन्नदाता के वजूद को खतरा, राज्य के अधिकारों का भी होगा हनन

शरीफ मोहम्मद खिलजी विगत गुरुवार 17 सितम्बर 2020 को जब कृषि विधेयक के रूप में काला कानून जिसे पहले ही अध्यादेश के रूप में लागू किया जा चुका है और….

बहुत कुछ बयां करता है शाहीनबाग़ की ‘दादी’ आज के ‘TIME’ में दुनिया की 100 प्रभावशाशाली शख्सियतों में शुमार होना

कृष्णकांत शाहीन बाग की दादी ने टाइम मैगजीन में जगह बनाई है। वे दुनिया के सौ प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल हुई हैं। जनता के ताकत की यही सुंदरता….

सरकार ने यूनिवर्सिटियां पहले ही खाली करा ली थीं और अब सदन भी खाली करा लिया! क्या है लोकतंत्र का भविष्य?

श्याम मीरा सिंह प्रधानमंत्री उपसभापति की चाय देने वाली तस्वीरों को लोकतंत्र की सुंदर तस्वीर बता रहे हैं, लेकिन मैं आपको दूसरी तस्वीर दिखाता हूँ, ये भारतीय लोकतंत्र की सबसे….

हमेंत कुमार का लेखः कम्पनी राज वापस लौट रहा है। आइए, अपनी नई गुलामी का स्वागत करें।

भारत में पीने के पानी का बाजार विकसित करने के लिये और उससे अकूत मुनाफा कमाने के लिये बड़ी कंपनियों ने कितनी साजिशें की हैं, सिस्टम के साथ मिल कर….

आखिर मोदी सरकार को इन अध्यादेशों को पास करा लेने की ऐसी जल्दी क्या पड़ी थी?

गिरीश मालवीय 20 सितंबर को राज्यसभा में लोकतंत्र में तानशाही कैसे चलाई जाती है इसका स्पष्ट उदाहरण देखने को मिला। किसान बिल के संदर्भ विपक्षी दल चाहते थे कि राज्यसभा….

जब आप सुशांत और हिन्दू मुसलमान में व्यस्त थे तब रवीश नामी पत्रकार ने इन अध्यादेशों पर एक प्राइम टाइम किया था

किसान भाइयों आज आपकी आज़ादी का दिन है। सरकार ने इसकी घोषणा की है। 2017 में जीएसटी आई थी तो ऐसी ही एक आज़ादी का एलान हुआ था। 2016 मे….

नए कृषि कानून अगले 20-30 सालों में किसानों की एक बड़ी आबादी को बंधुआ मजदूर बना देगा.

विश्वदीपक दिल्ली के तख्त पर पिछले 70 सालों में इतना बड़ा मूर्ख कभी नहीं बैठा। ऐसा लगता है कि पूरी की पूरी मंडली धूर्त और दोयम दर्जे के दलालों से….

कश्मीर के वे तीन बेबस मां जिनके ‘लाल’ को अफ्सपा ने मिटा दिया

श्याम मीरा सिंह नीचे दो तस्वीरें हैं, पहली तीन बच्चों की जिनके नाम हैं। इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार, दूसरी तस्वीर में इन तीनों बच्चों की मां हैं।….

नागरिकता संसोधन अधिनियम इस देश में लोकतंत्र की खुली परीक्षा थी, जिसमें ये देश फेल हुआ

श्याम मीरा सिंह आश्चर्य की बात है, एक लोकतांत्रिक देश के संविधान में स्पष्ट अक्षरों में अंकित है कि इस मुल्क के नागरिकों को अधिकार है कि वे जिस चीज….