अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देश विरोधी भाषण देने के आरोपी शरजील इमाम को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत को मंजूरी दे दी है। शरजील के खिलाफ अलीगढ़ में देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि शरजील ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान देश विरोधी भाषण दिया था।
जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए जमानत मंजूर करने के आदेश दिए। बता दें कि बिहार के जहानाबाद के काको गांव के रहने वाले शरजील इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है, जबकि 2013 में शरजील ने जेएनयू में आधुनिक इतिहास में पीजी की डिग्री पूरी की है।
कौन है शरजील और क्या हैं आरोप
जेएनयू के एक पूर्व छात्र और शाहीन बाग में हुए सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के प्रमुख आयोजकों में से एक शरजील इमाम को पिछले साल बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि अपने भाषण में कथित रूप से प्रदर्शनकारियों उत्तर पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्सों से अलग करने के लिए उकसाया। इस मामले में शरजील के खिलाफ मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने भी FIR दर्ज की थी। हालांकि, असम और अरुणाचल प्रदेश के मामलों में उसे पहले ही जमानत मिल चुकी है।
शरजील के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में और दिल्ली पुलिस द्वारा जनवरी 2020 में आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार पर दुश्मनी या दुश्मनी की भावनाओं को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने का प्रयास), भारतीय दंड संहिता की धारा153बी (शांति भंग करने वाले बयान देना) और 505(2) (नफरत फैलाने के मकसद से ऐसे झूठे और खतरनाक बयान देना)- के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शरजील इमाम फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन पर देशद्रोह के अलावा दिल्ली दंगों की साजिश रचने और जामिया में हुई हिंसा मामले में भी आरोप लगाया गया है।