Author: विजय शंकर सिंह

A retired IPS officer of UP cadre. Reading and writing is my hobby. Retired from service in 2012. I belong to Varanasi but living in Kanpur.

पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाना, देशद्रोह नहीं है: जस्टिस दीपक गुप्ता, जानें क्या कहता है क़ानून?

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने एक इंटरव्यू में कहा है कि, क्रिकेट में पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाना, निश्चित रूप से देशद्रोह नहीं है। यह….

फ़िल्म सरदार उधम का ऑस्कर नामांकन खारिज, ज्यूरी क्यों मानती है कि यह फ़िल्म घृणा फैलाती है!

हाल ही में रिलीज हुयी फ़िल्म, सरदार उधम को, ऑस्कर पुरस्कारों के लिये भारतीय ज्यूरी ने भारत की प्रविष्टि के रूप में खारिज कर दिया है। खारिज करने के जो….

आर्यन ख़ान ड्रग मामला: हर दिन नया विवाद, एनसीबी की कार्रावाई और गवाहों की ‘आज़ादी’ पर उठते सवाल?

अब इस हाई प्रोफाइल मामले में जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो  के अधिकारी समीर वानखेड़े ने खुद के लिए कानूनी सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने मुंबई पुलिस को….

माल-ए-मुफ्त दिल-ए-बेरहम: अब देश के इस एयरपोर्ट को बेचने की तैयारी में केंद्र सरकार

कुशीनगर, हवाई अड्डा के भी अगले साल तक निजी क्षेत्र को सौंपे जाने की योजना है।कुशीनगर का हवाई अड्डा कल देश को प्रधानमंत्री ने समर्पित कर दिया। पर यह हवाई….

पूर्व IPS का लेख: सावरकर समर्थक जितना ही सावरकर के बचाव में अजीबोगरीब तर्क गढ़ेंगे, वे उतने ही एक्सपोज होंगे

एबीपी न्यूज पर एक डिबेट के दौरान एंकर रुबिका लियाकत ने यह सवाल पूछा कि, कांग्रेस के कितने नेताओ को कालापानी की सज़ा मिली थी? इसके जवाब में कांग्रेस के….

अखंड भारत के सपने के साथ खंड खंड भारत करने वाली साम्प्रदायिक राजनीति का हिस्सा थे सावरकर

भारतीय इतिहास के बीसवी सदी में विनायक दामोदर सावरकर एक परस्पर विरोधी व्यक्तित्व का नाम है। सावरकर के जीवन पर अध्ययन करने के लिये उनके जीवन को दो भागों में….

पूर्व IPS का लेख: भारत के बंटवारे की भूमिका लिखने वाले सावरकर बंटवारे को रोक कैसे सकते थे?

वीडी सावरकर पर एक और विवाद कि, उन्होंने गांधी जी के कहने पर अंग्रेजों से माफी मांगी थी, उदय माहुरकर और चिरायु पंडित की किताब, द मैन हूं कुड हैव….

“ज़िंदा क़ौमें पांच साल इंतज़ार नहीं करतीं” जैसा नारा देने वाले डॉ. लोहिया अगर आज ज़िंदा होते तो किसान आंदोलन…

कल्पना कीजिए, यदि आज डॉ. लोहिया जीवित रहते तो, साल भर से हो रहे किसान आंदोलन में, उनकी क्या भूमिका रहती। लोहिया को जानने वाले और उस कुजात गांधीवादी के….

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: एक क्रांतिकारी और दूरदर्शी राजनेता, जिनकी बदौलत हुआ आधुनिक भारत का निर्माण

सबसे कठिन होता है धार्मिक कट्टरता और धर्मान्धता से उबल रहे समाज में अपने उन मूल्यों को बनाये रखना, उन पर टिके रहना और उनका पक्ष रखना, जो सार्वभौम और….

पूर्व आईपीएस का लेख: तड़ीपारों के हाथ में गृहमंत्रालय का प्रभार, दोनों गृह मंत्रियों का रहा है दामन दाग़दार

देश के गृह मंत्रालय का नेतृत्व जिन नेताओ के पास है, वे हत्या और हत्या के प्रयास जैसी संगीन धाराओं के मुल्जिम भी है। खुद गृहमंत्री अमित शाह भी, एक….