Author: कृष्णकांत

कृष्णकांत का लेखः एक अकेली लड़की को सौ वहशी घेरते हैं और नारा लगाते हैं, हम इस निकृष्टता पर थूकते हैं।

हिजाब का समर्थन नहीं, हम तुम्हारी निकृष्टता का विरोध कर रहे हैं। एक अकेली लड़की को सौ वहशी भगवा गमछा लेकर घेरते हैं और नारा लगाते हैं, हम इस निकृष्टता….

ऐसा ही हिंदुस्तान हमारे पुरखों के बलिदान का हासिल है।

हम सबके पुरखों ने ऐसे ही हिंदुस्तान की कल्पना की थी कि कोई हमारा प्रिय चला जाए तो मैं हाथ जोड़कर ईश्वर से प्रार्थना करूं और आप मेरे पास, बगल….

“देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।” 15 साल से प्रचारित इस कथन की सच्चाई क्या है?

मैं पत्रकार हूं। पिछले दस साल के दौरान हर दिन आठ से नौ घंटा न्यूजरूम में गुजरा है। मैं आज तक ये जानता था कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे….

जनता से वही नेता डरता है जो जानता है कि वह जनता के साथ गलत कर रहा है।

कुछ दिन पहले एक पुराने समाजवादी टकरा गए। चुनावी मौसम है सो राजनीति की बात होने लगी। उनको पता नहीं क्या सुझा, अचानक कहानी सुनाने लगे। कहानी यूं थी: “एक….

हर बार नया दावा करते हैं मोदी, अब इस रहस्य से पर्दा उठना चाहिए कि उन्होंने क्या-क्या किया है?

इस रहस्य से पर्दा उठना चाहिए कि मोदी जी ने क्या-क्या किया है। यह पहली बार है जब देश के प्रधानमंत्री के जीवन का कोई ठिकाना नहीं है। वे हर….

युवा सपनों का कब्रगाह बन चुका है उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में पिछले पांच साल में 83 लाख युवा भर्तियों में भ्रष्टचार के शिकार हुए और उनके सपनों को रौंदा गया। लगभग एक दर्जन बार या तो पेपर लीक….

“दो महीने और लाठी मार लें, इसके बाद वोट की लाठी चलेगी। बाबा जाएं अपने मठ में लाठी भांजें।”

यह उद्गार उस युवा के हैं जो छह महीने के लिए तैयारी करने शहर आया था और दो साल गुजर गए, उसे नौकरी नहीं मिली। रोजगार मांगने लखनऊ गया तो….

जब उड़ीसा में भाषण देते वक्त इंदिरा गांधी की नाक पर लगा था पत्थर, और टूट गई थी नाक की हड्डी

साल 1967 था। तब इंदिरा गांधी का वो जलवा नहीं था, जैसा बाद में कायम हुआ। तब कम बोलने की वजह से कुछ विपक्षी उन्हें ‘गूंगी गुड़िया’ कहकर चिढ़ाते थे।….

हरिद्वार ‘अधर्म संसद’ मामला: पूरी दुनिया में हुई देश की बदनामी, जानें क्या कह रहे हैं विश्व के अख़बार

पूरी दुनिया के मीडिया में हरिद्वार में हुए ‘असंसदीय अधर्म’ की चर्चा है। दुनिया के सारे प्रमुख अखबार दुनिया वालों को बता रहे हैं कि हमारे यहां क्या हो रहा….

क्या यह देश गांधी, नेहरू और पटेल के सपनों से गद्दारी करके महान बनने का सपना देख रहा है?

वॉट्सएप विष-विद्यालय में गांधी को भगत सिंह के खिलाफ, नेहरू को पटेल के खिलाफ क्यों खड़ा किया जाता है? इसलिए कि आप किसी के समर्थक बनें और किसी के विरोधी।….