सौहार्द के लिये मशहूर कर्नाटक के इस जनपद को क्यों सांप्रदायिक नफ़रत में झोंकना चाहता है प्रमोद मुथालिक

हिन्दू मुस्लिम भाई चारे की मिसाल के लिए कर्नाटक का गदग जिला एक नज़ीर है। ये जिला तो 1997 में बना लेकिन यहाँ 70 सालों से “वीरनारायण जामा मस्जिद ट्रस्ट” ने हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सद्भाव कायम किया हुआ है। ये ट्रस्ट जामा मस्जिद को हेंडल करता है और वीरनारायण मंदिर को भी, जिला स्तर पे हिन्दू और मुस्लिम दोनों सम्प्रदाय के सभी त्योहारों के उत्सवों का बंदोबस्त भी करता है, इसके अलावा मंदिर और मस्जिद दोनों के भी इवेंट हेंडल करता है। ट्रस्ट में हिन्दू व् मुस्लिम दोनों सम्प्रदाय के सदस्य हैं और एक-एक साल बारी-2 से इसकी जिम्मेदारी उठाते हैं।

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गदग जिले में त्रिकुटेश्वर मंदिर और वीरनारायण मंदिर के बीच में जामा मस्जिद है। गडग डिप्टी कमिश्नर एम् जी हिरेमठ के अनुसार “त्रिकुटेश्वर मंदिर शिव अनुयायियों का है, वीरनारायण मंदिर वैष्णव समुदाय का है और जुम्मा मस्जिद मुस्लिमों के लिए पवित्र स्थल है, प्रबंधन और रीती रिवाजों के लिए दोनों समुदायों का एक दूसरे के ऊपर अत्यंत विश्वास है। दुनिया में ऐसी चीज मिलना दुर्लभ है।” यदि आप गडग जिले की ऑफिसियल साईट पर जायेंगे तो बड़ी शान से लिखा है की इस जिले की पहचान यहां की सांप्रदायिक सद्भावना है।

श्री राम सेना का प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने एक सभा में बयान दिया है की जुम्मा मस्जिद को बाबरी की तरह गिरा के मंदिर बनाया जाये। साम्प्रदायिक सौहार्द्य बिगाड़ने के लिए पूरी मुहीम चलाने का ऐलान माइक से हो रहा है। असल में ये बहुत दिन से विवादस्पद बयान दे रहा है, उसे लाइम-लाइट और अपनी विचारधारा वाली सरकार के नेताओं की नज़र में आना है।

जिस बात से जिले की पहचान है, शान है और दुनियां में नाम है ये पब्लिसिटी और वोट के भूखे भेड़िये उसी को नोंच कर खाने को षणयंत्र कर रहे हैं। इस सरकार में बड़ा नेता बनाने के लिए दंगा करने की कला को योग्यता की अनिवार्य सूची रखा गया है। इसी लिए हर नया चिलगोजा नया बखेड़ा खड़ा कर रहा है। कालचक्र में हिसाब सबका हुआ, आपका भी होगा, बस अगली सरकारें इन मुद्दों को ध्यान में रखें।

बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी है

हर शाख पे उल्लू बैठें हैं अंजाम ऐ गुलिस्तां क्या होगा।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)