वाशिंगटन: प्रमुख भारतीय-अमेरिकी कानूनी विशेषज्ञ अंजलि चतुर्वेदी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व सैनिक (वेटरन्स) मामलों के विभाग में जनरल काउंसल नामित किया है। व्हाइट हाउस की वेबसाइट के मुताबिक चतुर्वेदी अमेरिकी न्याय विभाग के अपराध प्रभाग में उप सहायक अटॉर्नी जनरल हैं। चतुर्वेदी को ‘यूएस डिपार्टमेंट ऑफ वेटरन्स अफेयर्स’ में जनरल काउंसल के पद पर नामित किया गया है।
विभाग का मुख्य दृष्टिकोण पूर्व सैनिकों को उनके द्वारा अर्जित विश्व स्तरीय लाभ और सेवाएं प्रदान करना है – और ऐसा करने के लिए करुणा, प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता, व्यावसायिकता, अखंडता, जवाबदेही और नेतृत्व के उच्चतम मानकों का पालन करना है।
चतुर्वेदी ने अपने करियर के दौरान सरकार की तीनों शाखाओं में काम करने के साथ ही निजी प्रैक्टिस भी की है। सरकारी सेवा में लौटने से पहले, चतुर्वेदी नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन कॉरपोरेशन के लिए सहायक जनरल काउंसल और जांच निदेशक के तौर पर काम कर रही थीं तथा कंपनी की वैश्विक जांच टीम का नेतृत्व करती थीं।
चतुर्वेदी ने इससे पहले ब्रिटिश पेट्रोलियम में सहायक जनरल काउंसल और निक्सन पीबॉडी की वाशिंगटन डीसी लॉ फर्म में पार्टनर के रूप में काम किया था। निजी प्रैक्टिस में प्रवेश करने से पहले, वह एक संघीय अभियोजक थीं।
न्याय विभाग में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कोलंबिया जिले और कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले में अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालयों में सेवा दी, जिसमें घोर अपराध सुनवाई अनुभाग के उप प्रमुख और संगठित अपराध ‘स्ट्राइक फोर्स’ के प्रमुख और सीनेट न्यायपालिका समिति पर सीनेटर डियान फेनस्टीन के वकील के रूप में काम करना शामिल था।
न्यूयॉर्क के कोर्टलैंड में जन्मीं चतुर्वेदी ने ‘‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया सुपीरियर कोर्ट’’ जज ग्रेगरी ई. मिज के लिए लिपिक के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया। चतुर्वेदी ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी और हेस्टिंग्स कॉलेज ऑफ लॉ में एडजंक्ट प्रोफेसर के रूप में ट्रायल एडवोकेसी और क्रिमिनल प्रोसीजर भी पढ़ाया।