अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को ऊर्जा संरक्षण में योगदान के लिए यूपी के उच्च शिक्षा संस्थानों में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार भारत सरकार के ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के तहत राज्य की ओर से नामित एजेंसी उत्तरप्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा प्रदान किया गया है।
इस उपलब्धि पर कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा का संरक्षण और हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाना एक महत्वपूर्ण उपाय है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश के उन अग्रणी संस्थानों में से एक है जिन्होंने हरित ऊर्जा समाधानों को अपनाया है।
विश्वविद्यालय की ओर से पुरस्कार प्राप्त करने वाले हरित विश्वविद्यालय परियोजना समिति अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संयोजक प्रोफेसर मोहम्मद रिहान ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के लिए बढ़चढ़ कर प्रयास कर रहा है। यह पुरस्कार ऊर्जा की आवश्यकता में कमी, ऊर्जा दक्षता और संरक्षण पर नीतिगत निर्णयों को लागू करने जैसे उपायों के मूल्यांकन के आधार पर दिया गया है। मूल्यांकन प्रक्रिया में कर्मचारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और समाज के लिए ऊर्जा संरक्षण जागरूकता अभियानों को भी ²ष्टिगत रखा गया है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार समारोह का आयोजन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस-2021 के उपलक्ष में किया गया था।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के गणित विभाग की प्रोफेसर सुबुही खान ने श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की जयंती और राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में कश्मीर विश्वविद्यालय के एक आनलाइन व्याख्यान में जीटा समारोह में रामानुजन के संख्या सिद्धांत में प्रतिभा के काम और निरंतर अंशों की उनकी महारथ रीमैन श्रृंखला, अण्डाकार अभिन्न, हाइपरजोमेट्रिक श्रृंखला और कार्यात्मक समीकरणों पर चर्चा की।
उन्होंने इस दिन के उत्सव के महत्व और देश में विभिन्न स्तरों पर गणितीय संस्कृति के विकास पर इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने केरल विश्वविद्यालय के गणित विभाग के विशेष कार्यों और अनुप्रयोगों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आनलाइन वार्ता भी की।