त्रिपुरा हिंसा: मुख्यमंत्री से मिला जमीयत उलमा-ए-हिंद का प्रतिनिधिमंडल, हिंसक तत्वों के ख़िलाफ कार्रावाई की मांग

जमीयत उलमा हिंद त्रिपुरा ने ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के कार्यालय में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है। यह प्रतिनिधिमंडल पिछले तीन दिनों में त्रिपुरा में मुसलमानों और उनके धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों पर राज्य सरकार से मिला। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और त्रिपुरा पुलिस महानिदेशक वी एस यादव से हस्तक्षेप की मांग की है। त्रिपुरा जमीयत के अध्यक्ष मुफ्ती तैयबुर रहमान ने कहा कि उनका मानना ​​​​है कि उपद्रवियों का एक समूह त्रिपुरा में सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित करने और राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

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इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़ शुक्रवार शाम यहां गेदु मिया मस्जिद में पत्रकारों से बात करते हुए, जमीयत नेता ने कहा कि त्रिपुरा में छह से सात क्षेत्रों में मस्जिदों, आवासीय क्षेत्रों, विशेष रूप से गोमती, उत्तरी त्रिपुरा और पश्चिम त्रिपुरा पर दंगाईयों द्वारा हमला किया जा रहा है। मिया ने हमलों को बांग्लादेश में हुए दंगों से भी जोड़ा। मुफ्ती रहमान ने कहा कि “त्रिपुरा के हिंदू और मुस्लिम समुदायों में से किसी ने भी बांग्लादेश की जघन्य घटनाओं का समर्थन नहीं किया। हमने बांग्लादेश वीजा कार्यालय के समक्ष भी इसका विरोध किया है लेकिन कुछ “अनियंत्रित, सांप्रदायिक लोग” त्रिपुरा में सांप्रदायिक तनाव फैलाकर अशांति फैलाना चाहते हैं।”

उन्होंने दावा किया कि दूर-दराज के इलाकों में मुसलमान घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने हमलावरों पर कानूनी कार्रवाई, अवांछित गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई और बांग्लादेश में कथित सांप्रदायिक हिंसा की निंदा सहित पांच मांगें रखीं हैं।

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कोई भी कानून और व्यवस्था को बाधित नहीं करेगा, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता, विशेष रूप से अल्पसंख्यक मोर्चा से, राज्य भर में सभी के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी अवांछित घटनाएं न हों।

वहीं माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्हें मीडिया रिपोर्टों से ऐसी कुछ घटनाओं के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार सांप्रदायिक अशांति पैदा करने के प्रयासों को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगी।