भतीजे की जायदाद कब्ज़ाने के लिए चाचा ने गढ़ दी धर्मांतरण करने की फर्ज़ी कहानी

नई दिल्लीः धर्मांतरण को लेकर यूपी के बुलंदशहर में इस्लामिक स्कॉलर उमर गौतम और उनके सहयोगी मुफ्ती जहांगीर की गिरफ्तारी के बीच जायदाद पर कब्जा करने के लिए एक चाचा द्वारा अपने भतीजे की इस्लाम में धर्मांतरण की फर्जी  कहानी गढ़ने का मामला सामने आया है. मामला 24 जून का है जब एक 46 वर्षीय दलित व्यक्ति ने धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत एक शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि उसके भतीजे अविनाश को “अज्ञात लोगों” द्वारा इस्लाम में परिवर्तित किया गया है. अविनाश के माता-पिता का देहांत हो चुका है और उसके चाचा उसका लालन-पालन कर रहे हैं.

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

मशहर वेब पोर्टल कोहराम की रिपोर्ट के मुताबिक अविनाश के कथित धर्म परिवर्तन की यह कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. कुछ मीडिया हाउस ने इसे मिर्च-मसाला लगाकर सनसनीखेज स्टोरी बना दिया. बुधवार 23 जून को एक अखबार ने बिना किसी सबूत दावा किया कि 12 जून को जब अविनाश घर लौटा तो उसने कहा कि ईद के समय शहर की एक मस्जिद के चार मौलवियों और एक महिला ने उसका धर्म परिवर्तन कराया. अविनाश के रिश्तेदारों ने हिंदुत्व समूहों से संपर्क किया और फिर पुलिस ने भी मामले में हस्तक्षेप किया.

 

अखबार ने फिर अविनाश की कहानी को मौलाना उमर गौतम के साथ जोड़ने की भी कोशिश की, जिन्हें वर्तमान में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने 1,000 लोगों के कथित जबरन धर्मांतरण के लिए हिरासत में लिया है. इसके अलावा अविनाश गुप्त रूप से ‘नमाज’ पढ़ता है और उसने आधार कार्ड में अपना पता बदलने की भी कोशिश की.

हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि अविनाश के इस्लाम धर्म अपनाने की पूरी कहानी मनगढ़ंत थी. लड़का जालंधर में अपने रिश्तेदार के साथ रह रहा था, जिसने कहा कि चाचा की पिटाई के बाद वह घर से निकल गया. सिंह ने यह भी कहा कि झूठी खबर फैलाने के लिए पुलिस उसके चाचा के खिलाफ कार्रवाई करेगी. अविनाश की ‘पायजामा-कुर्ता’ पहने एक तस्वीर को यह दावा करने के लिए प्रसारित किया गया था कि वह मुस्लिम हो गया है. उसने पुलिस को बताया कि उसने बचपन से ही ‘पायजामा-कुर्ता’ पहना है.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “पूछताछ के दौरान लड़के ने हमें बताया कि उसके चाचा ने अपने सहयोगियों की मदद से उसके धर्म परिवर्तन की झूठी कहानी फैलाई.” पुलिस ने यह भी कहा कि उसके चाचा कुछ समूहों से जुड़े हुए हैं, जिन्होंने उसे अपने धर्म परिवर्तन के बारे में झूठ फैलाने में मदद की. हालांकि, इसने समूह के नाम का खुलासा नहीं किया.

अविनाश ने मीडिया से यह भी कहा कि उनके धर्म परिवर्तन की खबरें झूठ हैं. उन्होंने कभी अपना धर्म नहीं बदला.उसने कहा, “मेरे चाचा मुझे प्रताड़ित करते हैं. उसने मुझे घर छोड़ने के लिए मजबूर किया, वह चाहता है कि जमीन मेरी हो, उसने अपनी बड़ी बेटी को भी पीटा, जिसकी अदालत में शादी हो गई, मेरे चाचा मेरी जमीन के लालच में मेरे धर्म परिवर्तन की खबर फैलाते हैं.”

पुलिस ने यह भी कहा कि यह दूसरी बार है जब उसके धर्म परिवर्तन की झूठी कहानी प्रसारित की गई है. एक महीने पहले जब वह घर से निकला तो उसके धर्म परिवर्तन की झूठी कहानी फैलाई गई थी. उस समय भी पुलिस ने बालक को ढूंढ़कर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया. बाद में, लड़का अपने चाचा के पास लौट आया.