टिकैत का आह्वान ‘अपनी पगड़ी के साथ फसल और नस्ल भी बचानी है वरना आने वाली पीढिय़ां हमें माफ नहीं करेंगी।’

नई दिल्लीः मुज़फ़्फ़रनगर  पांच सितंबर को किसानों की महापंचायत होने जा रही है। इस में शिरकत करने के लिये क़रीब दो लाख किसान मुज़फ़्फ़रनगर में डेरा जमा चुका है। किसान नेता राकेश टिकैत के पास सूचना पहुँची है कि तमाम जगहों पर किसानों की ट्रॉलियों को रोका जा रहा है। टिकैत ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा हुआ तो हम हर बैरियर तोड़ देंगे।

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इस बीच पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस के लोगों का कहना है कि हर एक घंटे में क़रीब दस हज़ार किसान मुजफ्फरनगर में प्रवेश कर रहा है। जो किसान आज पहुँचे हैं उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था आस पास के गाँवों में की गई है। उसी गाँव के लोगों ने खाने की व्यवस्था कर रखी है। हालाँकि किसान ट्रॉलियों में अपना खुद का राशन भी लेकर आये हैं।

टिकैत का संदेश

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा है कि ‘इस सरकार से किसान कोई उम्मीद ना हीं करें तो ठीक है। किसान को अब सत्ता परिवर्तन की ही लड़ाई लडऩी होगी। किसान नौ महीने से देश की राजधानी को घेरे बैठे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने आज तक शहीद हुए किसानों के बारे में भी कोई शोक संदेश नहीं भेजा। यह सरकार कुछ कदम उठायेगी ऐसी उम्मीद नहीं दिखती’

उन्होंने कहा कि ‘हमें अपनी पगड़ी के साथ फसल और नस्ल भी बचानी है वरना आने वाली पीढिय़ां हमें माफ नहीं करेंगी। इसके लिए फिर से यह आजादी की लड़ाई छिड़ चुकी है। तीनों कृषि बिल पूरी तरह से देश को विदेशी हाथों में सौंपने की तैयारी है। पहले एक ईस्ट इंडिया कम्पनी भारत में आई थी। उसने देश को गुलाम बना लिया था और अब तो ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ व साउथ सभी दिशाओं से अनगिनत कम्पनियां देश को निगलने के लिये अपना जाल फैला चुकी हैं।’