ऐसा ही हिंदुस्तान हमारे पुरखों के बलिदान का हासिल है।

हम सबके पुरखों ने ऐसे ही हिंदुस्तान की कल्पना की थी कि कोई हमारा प्रिय चला जाए तो मैं हाथ जोड़कर ईश्वर से प्रार्थना करूं और आप मेरे पास, बगल में हाथ फैलाकर अल्लाह से दुआ मांगिए। मैं अपने आंगन में प्रार्थना करूं और आप अपने आंगन में नमाज अदा कीजिए, कोई प्रभु यीशु से क्षमा मांगे, कोई वाहे-गुरु का जाप करे।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

हमने बहुत संकट का सामना किया है। हमने बहुत गलतियां की हैं। हमने उसका खामियाजा भी उठाया है। लेकिन हम अपने उस आदर्श पर अडिग रहेंगे कि यह धरती हम सबकी है।

हम अपने किसी भाई को कपड़े से नहीं पहचानेंगे। हम यह याद रखेंगे कि एक देश की आज़ादी के लिए एक पंडित बिस्मिल के साथ एक अशफाक फांसी चढ़ा था। हम यह याद रखेंगे कि एक सत्य-शोधक, धार्मिक गांधी के साथ एक गफ्फार खान भी था। हम यह याद रखेंगे कि हमारे देश-निर्माताओं में एक नेहरू था तो एक मौलाना आज़ाद भी था। हम याद रखेंगे कि हमारे शहीदों में एक वीर हिंदू था, एक वीर मुस्लिम भी था। हम याद रखेंगे कि एक मंगल पांडेय ने बगावत करके अपनी जान दी थी तो एक बहादुर शाह जफर ने अपना साम्राज्य गंवा दिया था और बदले में उसे उसके बेटों के सिर काटकर तोहफे में दिया गया था।

हमें ऐसा हिदुस्तान चाहिए था जहां दो भाई साथ-साथ पूजा और नमाज के लिए आज़ाद हों और एक-दूसरे को सहना जानते हों। हमें आज भी ऐसा ही हिंदुस्तान चाहिए।

जिस दिन हनुमान मंदिर में शहनाई बजाने से पहले बिस्मिल्ला खान को गंगा में वजू करने से रोक दिया जाएगा, उस दिन हिंदुस्तान की आत्मा मर जाएगी।

ऐसा हिंदुस्तान ही हमारे बापू के सपनों का भारत है। ऐसा हिंदुस्तान ही हमारे भगत के सपनों का भारत है। ऐसा ही हिंदुस्तान हमारे पुरखों के बलिदान का हासिल है। हमें ऐसे भारत पर गर्व है।