नयी दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला तथा सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला। राहुल गांधी, निलंबित सांसद, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य नेता इस मार्च में शामिल हुए।
एक मंत्री ने किसानों को मारने का काम किया है। प्रधानमंत्री उनको जानते हैं, उनके साथ उनकी टीम में हैं। हमने उस समय भी कहा पर इसपर चर्चा नहीं होने दिया। pic.twitter.com/crQBXun63r
— Youth Congress (@IYC) December 14, 2021
इस मार्च के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं। सदन में विपक्ष जो चर्चा करना चाहता है, सरकार वह चर्चा नहीं होने देती। विपक्षी सदस्य अपनी आवाज उठाते हैं तो सरकार उनको डराकर-धमकाकर निलंबित कर देती है। विपक्ष की आवाज कुचली जा रही है। यह लोकतंत्र की हत्या है।’’ राहुल ने कहा कि सच और न्याय की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है, अगर संसद मे बोलने नहीं दिया जाएगा तो हम सड़कों पर बोलेंगे।
The suspension of MPs- is a symbol of the crushing of the voice of the people of India. They have been suspended now for 2 weeks, they have done nothing wrong. We are not allowed to discuss & debate important issues- this is not the way to run the Parliament.: Shri @RahulGandhi pic.twitter.com/n1TkwGJ0ZC
— Congress (@INCIndia) December 14, 2021
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘तीन चार ऐसे मुद्दे हैं जिनका सरकार नाम तक नहीं लेने नहीं देती। प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। यह सही तरीका नहीं है।’’ संजय राउत ने कहा कि यह सिर्फ 12 सांसदों का निलंबन नहीं, बल्कि यह किसानों के आंदोलन के लिए यह सांसदों का सबसे बड़ा बलिदान है।
सच और न्याय की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है, अगर संसद मे बोलने नहीं दिया जाएगा तो हम सड़कों पर बोलेंगे। pic.twitter.com/HChKN48qRw
— Congress (@INCIndia) December 14, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘ लोकतंत्र और न्याय शब्दों को यह सरकार सुनना ही नहीं चाहती है…आज तक हमारे लोकतांत्रिक इतिहास में यह नहीं देखा गया…. इसके खिलाफ हम लड़ेंगे।’’ पिछले 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद से ये सांसद संसद की कार्यवाही के दौरान प्रतिदिन सुबह से शाम तक संसद परिसर में धरना दे रहे हैं।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।