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तब्लीग़ी जमात मामला: महमूद मदनी बोले, ‘दावत-ए- हक़ को बड़ी से बड़ी ताक़त भी न रोक पाई, और न रोक सकेगी’

जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत के समस्त पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि तब्लीग़ी जमाअत के कार्यों को अपना कार्य समझें और उनका समर्थन करें।

नई दिल्लीः वर्तमान में तब्लीग़ी जमात को लेकर उठ रही चर्चाओं पर संज्ञान लेते हुए जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा है कि तब्लीग़ी जमाअत की संरक्षा तथा उसका समर्थन करना उलमा हज़रात का कर्तव्य है। क्योंकि तब्लीग़ी जमात, इस समय दुनिया की सबसे बड़ी शांतिपूर्ण धार्मिक सुधार एवं निर्माण (दीनी व तामीरी) वाली जमात और अभियान है।

उन्होंने कहा कि इस जमात ने अपने सौ वर्षीय इतिहास में मुस्लिम नौजवानों को मयखानों से निकालकर मस्जिदों में लाने, अल्लाह के बंदों को अल्लाह से मिलाने और  बुराई के मार्ग से हटाकर भलाई व अच्छाई के मार्ग पर लगाने का काम किया है। पूरी विश्व मानवता के लिए यह अत्यधिक भलाई वाली जमात है। जो लोग या सरकारें इनका विरोध कर रहे हैं, वह वास्तविकता से अपरिचित या तथ्यहीन प्रोपेगेंडा से प्रभावित हैं।

मौलाना महमूद मदनी ने अपनी ओर से जमीयत के समस्त पदाधिकारियों, सदस्यों, कार्यकर्ताओं और संबंधितों से अपील करते हुए कहा है कि तब्लीग़ी जमाअत के कार्यों को अपना कार्य समझें और उसका प्रबल समर्थन करें। इसके साथ साथ तब्लीग़ी जमात के संबंध में हर मस्जिद में जुमे के बयानों में उलमा हज़रात, इमाम, अपनी ओर से तब्लीग़ी जमाअत की वास्तविकता और कार्यों से जनता को परिचित कराएं। वर्तमान समय में इसकी अति आवश्यकता है।

मौलाना महमूद मदनी ने तब्लीग़ी जमात पर उठे वाद विवाद पर स्पष्ट करते हुए कहा कि दावते हक़ (सत्य की ओर आमंत्रण) को बड़ी से बड़ी शक्ति न रोक सकी है और न रोक सकेगी, लेकिन इस के साथ ही हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि अहले हक़ (सत्य पर चलने वालों) को हर दौर में क़ुर्बानी देनी पड़ी है उनको परेशानियों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।अतः हम स्पष्ट कह देना चाहते हैं कि हम दावत व तब्लीग़ का समर्थन करते हुए, तब्लीग़ी जमात की संरक्षा करने के लिए हरदम तैयार हैं। और इसके लिए जमीयत उलमा ए हिंद, किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेगी।