गिरीश मालवीय
राहुल बजाज ने कल जो भरी सभा मे जो कहा क्या आप ऐसा कहने की उम्मीद अडानी अम्बानी से कर सकते है? ये लोग नए अमीर है इनकी दौलत नयी है. चाहे बजाज हो चाहे बिड़ला हो चाहे टाटा हो इनका इस देश को देखने का एक नजरिया था, एक धुर वामपंथी मित्र हैं उन्होंने एक निजी चर्चा में कहा कि यदि आप टाटा को देखे तो उन्होंने झारखंड के विकास में अतुलनीय योगदान दिया है हम उसे नकार नही सकते जिस तरह उन्होंने जमशेदपुर बसाया है जो झारखंड का एक बड़ा शहर है उस तरह से अडानी अम्बानी क्या बनाया है ? इन्होंने देश के संसाधनों को निचोड़ लिया कर समाज को क्या दिया।
यह बात सच भी है कुछ सालो पहले मेरा मध्यप्रदेश के शहर नागदा जाना हुआ था मैं देखकर हैरान रह गया कि वहाँ ग्रेसिम बिडला ने जिस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया है और वो 70 के दशक में , वह अतुलनीय है हम जिस तरह से फिल्मों में अमेरिका के घरों को देखते है 21 शताब्दी में जिस तरह से टाउनशिप बनाई जा रही है उससे भी बेहतर सैकड़ों एकड़ में कालोनी 70 के दशक में बिडला ने बनाई थी वो भी अपनी फैक्ट्री में काम करने वाले लोगो के लिए.
आज भी वो इंफ्रास्ट्रक्चर लोग इस्तेमाल कर रहे हैं यह फर्क है नयी दौलत हासिल कर चुके अमीरों में ओर टाटा बिड़ला बजाज जैसे अमीरों में भले ही मुकेश अम्बानी दुनिया के 9 नम्बर के अमीर बन जाए हमारी नजर में वह टाटा का दर्जा कभी हासिल नही कर पाएंगे।
(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार एंव स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)