दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर गोरखपुर बीरआरडी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफ़ील ख़ान को भी याद आ रही है। सोशल एक्टिविस्ट और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य नदीम ख़ान ने आदोलनकारी डॉक्टर्स पर तंज किया है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में ऑक्सीजन खत्म हुई, पेमेंट सरकार ने नही दिया जेल गए डॉक्टर, फिल्म के मेन हीरो बनाए गए कफील लेकिन बक्शा किसी को नही गया।
नदीम ख़ान ने लिखा कि मुझे याद है जब मैं कफील से मिलने जेल गया था तब मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल मिश्रा जी भी जेल में मिले थे जो काफी बुजुर्ग थे यानी पंडित जी डॉक्टर. दलित समाज से आने वाले डाक्टर कुमार भी जेल में थे ओबीसी के कई लोग जेल में थे मेडिकल स्टाफ. लेकिन कही कोई डॉक्टर हड़ताल में नही गया कोई शोर हंगामा नही हुआ बल्कि सबने ये मान लिया जो योगी सरकार ने कहा कि 500 किलो के सिलेंडर की पाइप लाइन से कफील ऑक्सीजन चुरा के कार में ले जाते थे. न हड़ताल न हंगामा न शोर.
उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में एक ही प्रोग्राम में योगेंद्र यादव और कफील गए CAA विरोध का कार्यक्रम था गिरफ्तार हुए डॉक्टर कफील बेल मिलने के बाद NSA लगा दिया गया लेकिन कोई डॉक्टर नाराज नही हुआ किसी ने कोई बयान नहीं दिया. डॉक्टर कफील को मथुरा में नंगा करके जेल में मारा गया दो दिन तक और न पानी दिया गया न खाना दिया गया. उसके बाद डॉक्टर साहब जांच के लिए आए जो उसी कालेज से पास आउट थे जिस कालेज से कफील एमबीबीएस किए थे और कफील को जानते भी थे. उन्होंने अपनी जांच में लिखा की कोई पिटाई नही हुई सब ठीक है.
नदीम ख़ान लिखा कि कफील ने कहा कम से कम सच तो लिखो डॉक्टर साहब ने कहा सच लिखूंगा तो तुम्हारी तरह हाल होगा. आज डॉक्टर बिरादरी जाग गई है हड़ताल कर रही है सड़क जाम कर रही है थाना घेर रही है. लेकिन कल किसी मुसलमान का मामला होगा तो फिर ये वही करेंगे जो जामिया के छात्रों के साथ 13 दिसंबर या 15 दिसंबर को इन सरकारी डॉक्टरों ने किया जिसपे कारवा ने एक लंबी स्टोरी करी थी.