नई दिल्लीः गोरखपुर के चर्चित डॉक्टर कफील खान की हिरासत अवधि बढ़ी 13 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। जेल में परामर्शदात्री समिति ने रिपोर्ट दिया कि डॉक्टर कफील खान को जेल में रखने के पर्याप्त सबूत हैं। बता दें कि डॉक्टर कफ़ील ख़ान पर सीएए विरोधी आंदोलन में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। डॉ. कफील पर आरोप है कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय में भड़काऊ भाषण दिया था। जिसके बाद 13 फरवरी को डॉ. कफ़ील ख़ान को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।
डॉक्टर कफ़ील ख़ान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इलाहबाद हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि वह इस मामले को 15 दिनों के भीतर निपटाए। लेकिन अब फिर से उन पर लगे रासुका की अवधि बढ़ा दी गई है। डॉ. कफ़ील ख़ान के परिजनों के मुताबिक़ 19 अगस्त को इलाहबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
डॉक्टर कफ़ील की रासुका अवधि बढ़ाए जाने पर आज़ाद समाज पार्टी के सुप्रीमो चंद्रशेखर आज़ाद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि डॉ कफ़ील ख़ान पर NSA तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। एक बार फिर यह साबित हो गया कि योगी सरकार NSA का इस्तेमाल विरोध की आवाज को दबाने के लिए कर रही है। राजनीतिक दुर्भावना से लगे NSA की पीड़ा मैं बखूबी समझता हूं। पर याद रहे, सरकार बदलती रहती है।
गोरखपुर के बाबा रघुवर दास मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफ़ील ख़ान 2017 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब इस अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने का कारण 70 के क़रीब बच्चों ने दम तोड़ दिया था। अस्पताल प्रशासन के भ्रष्टाचार के चलते ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का पेयमेंट नहीं किया गया था। जिस रोज़ अस्पताल त्रासदी हुई उस रोज़ डॉ. कफ़ील ख़ान छुट्टी पर थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने छुट्टी रदद् करके अपनी ज़ेब से पैसा देकर दम तोड़ते मासूमों को बचाया था। जिसके बाद डॉक्टर कफ़ील ख़ान लोगों की नज़र में हीरो बन गए लेकिन उनका हीरो बनना सरकार को खटक गया।