काबुल: तालिबान ने अफगानिस्तान के नागरिकों को इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठन आईएसआईएस-के के साथ किसी भी तरह के ”संबंध” रखने से मना किया है क्योंकि यह एक ”झूठा संगठन” है। सीएनएन ने शनिवार को तालिबान के हवाले से कहा, “हम राष्ट्र से आह्वान करते हैं कि आईएसआईएस-के नाम के देशद्रोही गुट जो आज के युग से कुछ नहीं है और हमारे इस्लामी देश में भ्रष्टाचार फैलाने वाला एक झूठा संगठन है। उनके साथ किसी तरह का संबंध रखना और उसकी किसी भी तरह की मदद करना वर्जित है“
अफगानिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी बक्थर के अनुसार राजधानी शहर में धार्मिक नेताओं और बुजुर्गों के तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद यह प्रस्ताव आया है। सीएनएन के अनुसार आईएसआईएस-के में ‘के’ का मतलब खुरासान है, जो आधुनिक अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ ऐतिहासिक क्षेत्रों तक फैले इलाके का नाम है। यह पिछले कुछ सालों से अफगानिस्तान में सक्रिय है।
अफगानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप न करें विदेशीः तालिबान
तालिबान के सर्वोच्च नेता मौलवी हैबतुल्लाह अखुंदजादा ने विदेशियों को चेतावनी दी है कि वे अफगानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप न करें। अफगानिस्तान की सरकारी न्यूज एसेंसी बख्तर न्यूज एजेंसी ने अखुंदजादा के हवाले अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने अखुंदजादी ने काबुल में इस्लामिक मौलवियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान स्वतंत्र हुए बिना विकसित नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, “खुदा का शुक्र है, अब हम एक स्वतंत्र देश हैं। विदेशियों को हमें आदेश नहीं देना चाहिए। यह हमारी प्रणाली है, और हमारे अपने निर्णय हैं।” उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “अफगानिस्तान की जिहाद की सफलता पर न सिर्फ अफगानिस्तान के निवासियों के लिए, बल्कि दुनिया भर के मुसलमानों के लिए भी गर्व का स्रोत है।”
सीएनएन न्यूज चैलन के मुताबिक श्री अखुंदजादा तालिबान की जन्मस्थली एवं आध्यात्मिक गढ़ कंधार में है। उनकी तस्वीरें कभी-कभार ही सार्वजनिक होती है। पिछले कुछ समय से उनके बीमार होने या संभवतः मृत होने की चर्चा होती रही हैं। इस बैठक को मीडिया की ओर से प्रसारित नहीं किया गया।