नई दिल्लीः बिहार चुनाव में पांच सीटें जीतने वाली ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen, AIMIM) ने अब यूपी विधानसभा चुनाव में 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बीते रोज़ एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बयान जारी कहा कि हमने फैसला लिया है कि हम आने वाले उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे, पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने का प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है।
ओवैसी ने यूपी की गठबंधन की संभावना को खारिज़ करते हुए कहा कि हम Om Prakash Rajbhar साहब ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ के साथ हैं। हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है। बता दें कि हाल ही में ख़बर आई थी कि ओवैसी की पार्टी का मायावती की बसपा के साथ गठबंधन हो सकता है, हालांकि इस ख़बर का बसपा सुप्रीमो ने खंडन कर दिया था।
अब ओवैसी द्वारा यूपी की 100 सीटों पर लड़ने के फैसले की आलोचना शुरु हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी ने ओवैसी के फैसले पर अफसोस ज़ाहिर किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सिर्फ यू.पी. ही नही बल्कि देश के मुसलमानों और सेकुलर आवाम की सलाह को नजर अंदाज करते हुए एम.आई.एम का यू.पी. चुनाव में 100 सीटें लड़ाने का फैसला अफसोसनाक है। 25% सीटों पर चुनाव लड़कर भाजपा को यू.पी. में सरकार बनाने से रोकना हरगिज मुमकिन नही, इस से सिर्फ सेकुलर वोटों का बटवारा होगा।
सिर्फ यू.पी. ही नही बल्कि देश के मुसलमानों और सेकुलर आवाम की सलाह को नजर अंदाज करते हुए एम.आई.एम का यू.पी. चुनाव में १०० सीटें लड़ाने का फैसला अफसोसनाक है। २५% सीटों पर चुनाव लड़कर भाजपा को यू.पी. में सरकार बनाने से रोकना हरगिज मुमकिन नही– इस से सिर्फ सेकुलर वोटों का बटवारा होगा।
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) June 28, 2021
बता दें कि ओवैसी की पार्टी पर अक्सर गैर भाजपाई राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा भाजपा से मिले होने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि ओवैसी इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद अन्य सेकुलर पार्टियों के नेता ओवैसी पर हमलावर होते रहे हैं।