लखनऊः लखीमपुर कांड की जांच कर रही टीम ने पाया कि लखीमपुर में किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने की घटना सुनियोजित था। बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछली तीन अक्टूबर को हुयी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में चार किसानो समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। अब इस मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र एवं मुख्य आरोपी आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ अब हत्या का मुकदमा चलेगा।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार मामले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) ने पाया है कि एक सोची समझी साजिश के तहत किसानों को गाड़ी से कुचला गया जिसके बाद सभी आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या के बजाय हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसआईटी ने अब सभी आरोपियों पर 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149 के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले लखीमपुर कांड के गुनहगारों पर आईपीसी की धारा 279, 338, 304 ए के तहत कार्रवाई की जा रही थी।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे चार किसानो की वाहन से कुचले जाने से मौत हो गयी थी जबकि बाद में हिंसक झड़प में एक चालक, पत्रकार और भाजपा कार्यकर्ताओं की जान गयी थी। इस मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र को आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था और मामले की जांच एसआईटी के सुपुर्द की गयी थी। एसआईटी ने आशीष मित्र अंकित दास को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। उसके अलावा इस मामले में अब तक लवकुश,आशीष पांडे,शेखर भारती,लतीफ उर्फ काले, शिशुपाल,नंदन सिंह विष्ट,सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्य प्रकाश,सुमित जायसवाल,धमेन्द्र,रिंकू राना और उल्लास त्रिवेदी जेल में है।
किसानो का आरोप है कि जिस एसयूवी से कुचले जाने से किसानो की जान गयी,वह वाहन अजय मिश्र टेनी का है और उसे उनका पुत्र आशीष मिश्र चला रहा था। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नौ अक्टूबर को आशीष को गिरफ्तार किया था।