पीस पार्टी प्रवक्ता शादाब चौहान ने बताया निज़ाम-ए- मुस्तफा की आवश्यकता क्यों है?

नई दिल्लीः पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब सर्जन ने एक उर्दू अख़बार में निज़ाम-ए-मुस्तफा और अहकाम-ए-इलाही को ज़रूरी बताते हुए विज्ञापन प्रकाशित कराया था। जिसके बाद उनके ख़िलाफ लखनऊ के हज़रतगंज थाने में मुक़दमा दर्ज किया गया, और उन्हें गोरखपुर के बड़हलगंज से गिरफ्तार करके लखनऊ लाया गया। इसके बाद डॉ. अय्यूब के ऊपर रासुका लगा दी गई। अब पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एक बार फिर निज़ाम-ए-मुस्तफा को जरूरी बताया है।

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पीस पार्टी प्रवक्ता शादाब चौहान ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि निज़ाम-ए-मुस्तफा की जरूरत किसलिये है। उन्होंने कहा कि हमने लोहिया,गांधी, अंबेडकर जी, हेडगेवार व सावरकर, मार्क्स और लेनिन के नाम पर बनने वाली सरकारें देखी लेकिन संपूर्ण मानवता के साथ न्याय नहीं हो सका, इसीलिए आवश्यकता है निजाम-ए-मुस्तफा की जिससे प्रत्येक मानव को न्याय मिल सके.

इसके अलावा उन्होंने फिल्म अभिनेता आमिर ख़ान द्वारा तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से मुलाक़ात करने पर हुए विवाद पर अपनी राय देते हुए सवाल किया है कि जनवरी 2020 में 11000 टन प्याज जो तुर्की से आया था क्या उसको खाने वाले भी देशद्रोही की श्रेणी में आते हैं? फेसबुक अमेरी अख़बा वॉल स्ट्रीट जनरल द्वारा लगाए आरोपों पर राय देते हुए शादाब ने कहा कि सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने के लिए बौद्धिक आतंकी रखे गए हैं और जितनी नफरत फैलेगी दंगे होंगे खून बहेगा उतना भाजपा आरएसएस  का लाभ होगा और उसके लिए पेमेंट देते हैं क्योंकि उससे गरीब मजदूर किसान महिला दलित पिछड़ों के मुद्दे दब जाते हैं.

शादाब चौहान यूपी सरकार द्वारा बनाए गए ट्रिब्यूनल को भी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा जो दो ट्रिब्यूनलो का गठन किया गया है संपत्ति जप्त के संबंध में उसका इस्तेमाल सरकार एक हथियार के रूप में मुसलमानों, किसानों गुज्जर, दलितों पर करेगी कर सकती है ऐसा हमारा डर है.