जामिया मिल्लिया इस्लामिया के हिन्दी विभाग ने विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर ई- संगोष्ठी का आयोजन किया. जिसकी अध्यक्षता उपकुलपति प्रोफेसर तसनीम फातिमा ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर प्रोफेसर मोहम्मद असदुद्दीन, डीन, मानविकी एवं भाषा संकाय उपस्थित रहे.
वक्ता के रूप में डॉ बीना शर्मा निदेशक केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा, डॉ संदीप अवस्थी भगवंत विश्वविद्यालय राजस्थान, डॉ नूतन पांडेय सहायक निदेशक, हिन्दी शिक्षण निदेशालय थी. संगोष्ठी का प्रारम्भ हिन्दी विभाग की अध्यक्ष प्रोफ़ेसर इंदु वीरेंद्रा द्वारा अतिथियों और वक्ताओं के परिचय एवं स्वागत से हुआ।
उपकुलपति प्रोफेसर तसनीम फातिमा ने इस मौके पर कार्यक्रम में जुड़े सभी छात्रों और शिक्षकों को शुभकामनाएं दी और कहा कि हिन्दी विश्व भर में बोली जाने वाली भाषा है. हिन्दी का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है इसकी लिपि देवनागरी है. प्रोफ़ेसर फातिमा ने कहा कि उत्तर भारत में सबसे ज्यादा हिन्दी भाषा ही बोली जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समय समय पर होते रहने चाहिए.
डॉ संदीप अवस्थी शोध निदेशक, भगवंत विश्वविद्यालय राजस्थान ने कहा कि हिन्दी की वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ी पहचान मिली है. अब तो विदेशी लोग भी बड़े पैमाने पर हिन्दी सीख रहे हैं. डॉ संदीप अवस्थी ने आगे कहा कि राष्ट्रपति द्वारा भारतीय प्रवासी आवार्ड से सम्मानित 85 वर्षीय नीलू गुप्ता जी अभी तक लगभग 15 हजार विदेशी मूल के लोगों को हिन्दी सीखा चुकी हैं. इससे पता चलता है कि विदेशी लोग भी बड़े स्तर पर हिन्दी सीख रहे हैं. डॉ संदीप ने अपनी बात ख़त्म करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी.
डॉ नूतन पांडेय,सहायक निदेशक हिन्दी शिक्षण निदेशालय ने अपने व्याख्यान में कहा कि हमें गर्व है कि हिन्दी विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है. लगभग 150 देशों में हिन्दी विषय पर अध्ययन हो रहा है. विश्व के कोने-कोने में हिन्दी को पहुँचाने में प्रवासी भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. डॉ नूतन ने कहा कि लगभग 3 करोड़ भारतीय हैं जो भारत से बाहर हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए कि विदेशी लोगों को हिन्दी सीखने में और ज्यादा आसानी होगी अगर इसके पाठ्क्रम को थोड़ा और सरल बना दिया जाए.
डॉ बीना शर्मा निदेशक केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा ने कहा कि हमें हिन्दी दिवस पर कविता, कहानी और निबंध लेखन का भी आयोजन करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा विभिन्न देशों के 80 छात्रों को हिन्दी विषय में प्रमाण पत्र दे चुका है. हमारे यहाँ तुर्की, काज़िकिस्तान, चीन, जापान, अफगानिस्तान के साथ साथ कई और मुल्कों के लोग हिन्दी सीख रहे हैं.
कार्यक्रम के अन्त में संचालन कर रहे हिन्दी विभाग के सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. मुकेश कुमार मिरोठा ने सभी लोगों को धन्यवाद दिया और विश्व हिन्दी दिवस की मंगलकामनाएं दी।
कार्यक्रम में जामिया सोशल वर्क विभाग की अध्यक्ष अर्चना देसाई, संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ जयप्रकाश नारायण सहित अन्य विभागों के प्राध्यापकों संग हिन्दी विभाग के सभी प्राध्यापक और छात्र , शोधार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।