श्मशान घाट हादसाः मलबे में दबे लोगों के लिये फरिश्ता बने समीर, शादाब और तनवीर, बचाई चार लोगों की जान

नई दिल्लीः बीते रोज़ दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद के मुरादनगर में श्मशानघाट की छत गिरने से 24 लोगों की जान चली गई। इस हादसे की ख़बर कस्बे में आग की तरह फैल गई, लोग घटनास्थल पर पहुंच गए, और मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश करने लगे। मुरादनगर निवासी शादाब, समीर तनवीर ने बिना वक्त गंवाये खुद को बचाव कार्य में झोंक दिया और छेनी हथौड़ी से गिरी छत को काटकर चार लोगों की जान बचाने में सफलता हासिल की।  पुलिस-प्रशासन के आने से पहले कई लोगों को बाहर निकाला जा चुका था।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

हर तरफ उनके मानवीय कार्य की प्रशंसा हो रही है। बंबा रोड श्मशान के पास चर्च कॉलोनी में रहने वाले मोहम्मद समीर ने मीडिया को बताया कि वह श्मशान के पास ही कुछ काम कर रहे थे, छत गिरने की आवाज़ आई तो वह उधर दौड़ पड़े। देखा कि लोग मलबे नीचे दबे हुए हैं। उन्होंने शोर मचाया और अन्य लोगों को बुला लिया। वह खुद भी हथौड़ी और छैनी लेकर दौड़े और उनके साथ मोहम्मद तनवीर व शादाब भी आ गए। धीरे-धीरे लोगों की संख्या बढ़ती चली गई।

समीर बताते हैं कि जब तक वहां भीड़ एकत्र होती तब तक वह चार लोगों को जिंदा निकाल चुके थे। कई मृत लोगों के शव को भी निकाला। आदर्श कॉलोनी निवासी मोहम्मद तनवीर ने बताया कि पहले समझ में नहीं आ रहा था कि करना क्या है, लेकिन ऊपर वाला हिम्मत देता चला गया और हम लोगों को बाहर निकालते रहे। समीर और तनवीर कहते हैं कि उस समय ऊपर वाले ने एक अलग हिम्मत दी थी, जिसके दम पर हथौड़ी चला रहे थे। नीचे सन्नाटा था और ऊपर भगदड़ मच रही थी। हरेक शख्स मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए प्रयास कर रहा था। पुलिस-प्रशासन के आने से पहले कई लोगों को बाहर निकाला जा चुका था।

वहीं शादाब ने बताया कि कि खून देखकर मन विचलित हो रहा था, दिल रो रहा था। बस उम्मीद थी कि लोगों को बचाकर अस्पताल तक पहुंचा दें। स्थानीय लोगों ने बताया कि मौन धारण के वक्त ही हादसा हो गया। चीख-पुकार करते हुए तुरंत मौके पर पहुंचकर उन्होंने चार लोगों को बचाया। फिर पुलिस-प्रशासन के पहुंचने से पहले करीब एक दर्जन लोगों को अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला। बता दें कि जिस श्मशानघा का लिंटर गिरने से यह हादसा हुआ है, उसका जीर्णोद्धार तीन महीने पहले ही हुआ था।