लखीमपुर हिंसा: गृह राज्य मंत्री का पद पर बने रहना साफ करता है कि सरकार किसान हत्यारों के साथ- रिहाई मंच

लखनऊ: रिहाई मंच ने लखीमपुर के तिकोनिया में भाजपा के गृह राज्य मंत्री के पुत्र और आगामी विधानसभा में भाजपा के भावी प्रत्याशी अशीष मिश्र द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों की अपनी गाड़ी से रौंद कर मारने की घटना की कठोरतम शब्दों में निंदा की।

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रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि किसानों के अहिंसक आंदोलन का दमन करने की नियत से मंत्री पुत्र द्वारा आंदोलनकारियों पर पीछे से गाड़ी चढ़ाकर रौंद देना अक्षम्य अपराध है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रत्यक्ष रूप से गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र भी शामिल हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने सार्वजनिक तौर पर गुंडों की भाषा बोलते हुए किसानों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क को सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से उन्हें दिल्ली मेदांता हॉस्पिटल रेफ़र करने की सूचना है। मंत्री के बेटे ने रौंद कर चार किसानों को तो मार ही दिया है, दर्जनों बुरी तरह घायल हैं। सम्मानित किसान नेता विर्क गंभीर रूप से घायल हैं। सरदार विर्क अपने संगठन के साथियों के साथ गाजीपुर बॉर्डर की मेन धुरी हैं। मौके के वीडियो से स्पष्ट है कि सरदार विर्क को रौंदने की नीयत से यह हमला हुआ। चुकी विर्क के अगल-बगल संगठन के साथियों का सघन जमावड़ा चल रहा था, इसीलिए वे तत्काल बच गए पर अन्य साथी जो उनके अगल-बगल चल रहे थे, शहीद हो गए। विर्क को भी गंभीर चोटें आईं है और वे जीवन-मौत के बीच झूल रहे हैं।

मंच अध्यक्ष ने कहा कि अजय कुमार सरीखे भाजपाइयों का चरित्र ही लोकतंत्र विरोधी और अपराधिक है। उन्होंने कहा कि गृह राज्य मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए और पिता–पुत्र समेत इस घटना के सभी ज़िम्मेदारों को अति शीघ्र गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि क्या अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का दावा करने और सम्पत्तियां जब्त करने का नोटिस भेजने का काम केवल राजनीतिक विरोधियों के लिए है?

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि भाजपा सरकारों के लिए देश और लोकतंत्र नहीं बल्कि उनकी विभाजनकारी विचारधारा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा खुद को कानून से ऊपर मानते हुए किसानों की हत्या करता है तो दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री किसान आंदोलनकारियों के खिलाफ हिंसा करने के लिए सरकारी संरक्षण प्राप्त गुंडों को उकसाते हैं।

राजीव यादव ने कहा कि गोरखपुर में मनीष गुप्ता की हत्या योगी की पुलिस करती है और प्रशासन सरकार के इशारे पर पीड़ित परिवार को समझौता करने का दबाव डालता है। लखीमपुर की घटना के बाद पुलिस हत्यारे अशीष मिश्र को संरक्षण प्रदान करती है। लखीमपुर में धारा 144 लागू करती है और इंटरनेट सेवाएं बंद करती है, राजनीतिक-सामाजिक नेताओं को लखीमपुर जाने से रोकने के लिए अनैतिक तरीके अपनाती है। उन्होंने कहा कि सरकार की कार्रवाइयों से खुद यह साबित होता है कि वह घटना से जुड़े तथ्यों को दबाना चाहती है।