भारत की जनता के नाम रवीश का पत्र, ‘महंगी चीज़ें ख़रीदकर आपने साबित किया कि आपको सस्ता हिन्दू राष्ट्र नहीं चाहिए।’

प्रिय जनता, भारत की,

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दिल से बधाई। आप इस बधाई के योग्य पात्र हैं। अभी तक जनता सरकार को बधाई देती थी लेकिन यह वक्त आ गया है कि जनता को बधाई दी जाए। पहली बार ऐसा हो रहा है जब जनता महंगाई को हरा दे रही है। अभी तक जनता महंगाई से हार जाया करती थी। उसकी हार देख सरकार खार खा जाया करती थी। दाम कम करने लगती थी। सरकार को श्रेय मिलता था कि उसने जनता के हित में महंगाई को हरा दिया। लेकिन इस बार मैदान बदल गया है। इस मैदान में सरकार नहीं है। लड़ाई महंगाई और जनता के बीच की है। सरकार मैदान से बाहर दाम बढ़ा कर जनता और महंगाई के बीच लड़ाई करवा रही है। जैसे ही सरकार ने पेट्रोल के दाम 35 पैसे बढ़ाकर टेस्ट किया, जनता ने ख़रीद कर महंगाई को हरा दिया। सरकार ने फिर 35 पैसे बढ़ाए, फिर 35 पैसे बढ़ाए, 35-35 करते करते दिल्ली के जनपथ की 25-25 वाली आवाज़ सुनाई देने लगती है। जो भी है सरकार जब भी महंगाई बढ़ाती है, जनता खरीद कर महंगाई को हरा देती है। इस लिए आप जनता बधाई के पात्र हैं।

कई महीनों से 100 रुपया लीटर पेट्रोल खरीदना आसान नहीं है। अब तो जनता 114-118 रुपये लीटर पेट्रोल ख़रीद रही है। 255 रुपये किलो सरसों तेल ख़रीद कर जनता ने साबित कर दिया है कि आप कभी नहीं हारेंगे। 1000 से अधिक का गैस सिलेंडर ख़रीद रही है। इसी सरकार ने दो दिन के भीतर कोरपोरेट का टैक्स कम कर दिया लेकिन यही वो सरकार है जो बता बता कर पेट्रोल और डीज़ल पर टैक्स बढ़ा रही है, दाम बढ़ा रही है। अमीर को कोई कष्ट न हो और ग़रीब को केवल कष्ट ही कष्ट हो, ऐसा सोचने वाली सरकार अपनी जनता को ठीक से समझती है। जनता भी सरकार की किसी बात को ठीक से नहीं समझती है।

इसलिए आप बधाई के पात्र है। उम्मीद है नरेंद्र मोदी की सरकार 150 रुपया लीटर पेट्रोल करेगी और आप ख़रीद कर महंगाई को हरा देंगे। आपके सोचने के स्तर के हम कायल थे ही, अब घायल भी हो गए हैं। हर चीज़ महंगी ख़रीद कर आप जनता ने साबित किया है कि आपको सस्ता हिन्दू राष्ट्र नहीं चाहिए। चाहिए तो प्रीमियम हिन्दू राष्ट्र चाहिए। प्रीमियम पान मसाला खाने वाली जनता की पसंद प्रीमियम हिन्दू राष्ट्र। लाइफ़ में क्वालिटी क्लास से आती है और क्लास आता है दाम से।

महंगाई को हराने वाली भारत की जनता को ख़ूब बधाई। ऐसी योग्य जनता जिस सरकार को मिले, अगर वो दाम और टैक्स बढ़ा कर राजस्व न वसूले तो ग़लती सरकार की है। मुझे ख़ुशी है कि सरकार कोई ग़लती नहीं कर रही है। जब सरकार ग़लती ही नहीं कर रही है तब फिर जनता क्यों बोले? 118 रुपया लीटर पेट्रोल क्यों न ख़रीदे।

भवदीय

रवीश कुमार

(यह लेख रवीश कुमार के फेसबुक पेज से लिया गया है)