PFI का आरोप, पॉपुलर फ्रंट के नाम पर मुस्लिमों के वैध कारोबारों में रुकावट डालने की कर रही कोशिश है ED

बदले की राजनीति को जारी रखते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तीन लोगों के खिलाफ छापेमारी की और बाद में एक बयान भी जारी किया। इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए पीएफआई के महासचिव अनीस अहमद ने आज एक बयान में कहा कि, ‘‘ये छापेमारी और बाद में आई प्रेस रिलीज़ में किए गए दावे निराधार, अनैतिक और गलत इरादे वाले हैं।’’

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एक तरफ छोटे-बड़े ईमानदार मुस्लिम कारोबारियों की जासूसी करने के लिए ईडी को लगाना, और दूसरी तरफ सभी बड़ी व्यापारिक धोखाधड़ियों को पनपने की इजाज़त देना, स्पष्ट रूप से संघ परिवार का एक सांप्रदायिक एजेंडा है। ईडी जिसे केरल के भाजपा नेताओं के 400 करोड़ के काले धन के लेन-देन की जाँच करने में कोई दिलचस्पी नहीं, वह अब वैध मुस्लिम कारोबारों के पीछे पड़ी है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए मुस्लिम-विरोधी प्रोपगंडे के नए दौर के माध्यम से सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना ही आरएसएस और भाजपा की योजना है। उनके लिए पीएफआई को निशाना बनाना और उसे गलत तरीके से पेश करना तत्काल राजनीतिक मजबूरी है। जनता के बीच पॉपुलर फ्रंट की बढ़ती लोकप्रियता को कम करने के अपने नाकाम प्रयास में वे ईडी सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। जनता अच्छी तरह जान चुकी है कि आरएसएस की राष्ट्र-विरोधी भूमिका और भाजपा सरकार की जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ संगठन एक मज़बूत और अडिग स्टैंड रखता है।

पॉपुलर फ्रंट ने अपने खिलाफ ईडी की महीनों तक चलाई गई अवैध कार्यवाही को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर पिछले हफ्ते हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा है। लेकिन घरों और एक विला प्रोजेक्ट साइट पर ईडी की हालिया छापेमारी पूरी तरह से दोनों पक्षों की ओर से रखी गई बातों की भावना के खिलाफ है।

बुनियादी कायदे-कानूनों का पालन किए बिना ईडी अधिकारियों के इस तरह घरों में घुसने से परिवार के वृद्ध सदस्य सदमे में आ गए और अस्पताल में भर्ती हो गए। ईडी की टीम में कोई भी महिला अधिकारी नहीं थी और वे एक ऐसे घर में भी घुस आए जिसमें केवल महिलाएं थीं। इन शर्मनाक उल्लंघनों को पर पर्दा डालने के लिए, ईडी अब निर्दोषों के खिलाफ ‘‘काले धन’’ के अजीबो गरीब आरोप लगा रहा है।

ये हालिया छापेमारी और लोगों के कारोबारों को संगठन से जोड़ना परेशान करने की कोशिश के सिवा कुछ नहीं है। अनीस अहमद ने कहा कि संगठन ईडी और अन्य एजेंसियों की कार्यवाहियों के खिलाफ अपनी लोकतांत्रिक और कानूनी लड़ाई को जारी रखेगा। साथ ही उन्होंने यह बात भी दोहराई कि जन आंदोलन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सदस्य नागरिक अधिकारों की आवाज़ उठाने और सांप्रदायिक फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के अपने मिशन से कभी पीछे नहीं हटेंगे।