हाथरस जा रहे पीस पार्टी नेताओं को प्रशासन ने रोका, नाराज़ नेताओं ने की नारेबाजी

नई दिल्ली/लखनऊः हाथरस में यूपी पुलिस विपक्ष नेताओं के प्रति अपने तेवर नर्म करने के लिये तैयार नही है। प्रशासन ने पीड़िता के गांव में जाने से मीडिया और विपक्ष के नेताओं को रोका हुआ है। इसे लेकर विपक्ष में भारी नाराज़गी है। पीस पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पार्टी के शीर्ष नेता संजय गुर्जर के नेतृत्व में हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन उन्हें गांव में पहुंचने से पहले ही रोक लिया गया। जिससे नाराज़ पीस पार्टी कार्यकर्ताओं ने यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी शुरु कर दी।

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पीस पार्टी ने कहा है कि प्रशासन ने पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया। पीस पार्टी इंसाफ़ की लड़ाई हमेशा लड़ेगी। बता दें कि हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को वाल्मिकी समाज की एक युवती के साथ गांव के ही चार युवकों ने दरिंदगी की थी, जिसके बाद युवती को उपचार के लिये अलीगढ़ में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत में सुधार न होता देख, उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया, जहां वह जिंदगी की जंग हार गई। युवती की मौत के बाद पूरे देश में उबाल आ गया है।

पीड़ित परिवार से मिलने से रोके जाने से नाराज़ सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते पीस पार्टी के कार्यकर्ता।

पीस पार्टी के नेता संजय गुर्जर ने कहा कि इस देश में सांत्वना देना, इंसाफ की आवाज़ उठाना कब से ग़ैरकानूनी हो गया? उन्होंने कहा कि यूपी सरकार अपराध तो रोक नहीं पाती लेकिन विपक्षी के लोगों को इंसाफ की आवाज़ उठाने से भी रोकना चाहती है। संजय गुर्जर ने कहा कि हमारी पार्टी शोषित, पीड़ित, वंचित समाज की लड़ाई में सबसे आगे रही है। उन्होंने कहा कि हाथरस की पीडिता के परिवार को एक करोड़ मुआवज़ा दिया जाए और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

पीस पार्टी के इस प्रतिनिधिमंडल में संजय गुर्जर के साथ फारूक़ मेवाती, डॉक्टर जहांगीर अल्वी, एडवोकेट वसीम, डॉक्टर जुनैद समेत पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता उनके साथ थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें पीडिता के घर नहीं जाने दिया और गांव से पहले ही वापस भेज दिया।