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इस्लाम और धर्म स्वातंत्र्य फ्रांस एवं ऑस्ट्रिया में हालिया हमले और उनके पीछे की मानसिकता

यह एक सामान्य धारणा है कि इस्लाम एक पिछड़ा हुआ धर्म है जो प्राचीन नहीं तो कम-से-कम मध्यकालीन मान्यताओं से अब भी चिपका हुआ है। इस्लाम की सोच परम्परावादी ही….

तब्लीग़ी जमात के 36 विदेशी जमातियो के बरी होने के बाद, मऊ में 46 जमतियों पर लगी धारा 307 हटाई गई

नई दिल्लीः दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 14 देशों के 36 विदेशी नागरिकों को मंगलवार को कोर्ट ने बरी कर दिया।….

Success Story : हरियाणा के सबसे पिछड़े क्षेत्र मेवात की वह बेटी जो बन गई जज, जानें तबस्सुम की कहानी

नूह/मेवातः हरियाणा से सटे मेवात बेटी तबस्सुम ने हरियाणा राज्य न्यायिक सेवा के इसी साल फरवरी में आए नतीजों में बीसीबी कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया है। यहां यह….

सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहने चाहिए, यही हमारे देश की पहचान है: ललन कुमार

लखनऊ/बक्शी का तालाबः उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक ललन कुमार पिछले कई महीनों से लखनऊ की बक्शी का तालाब विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में दौरा कर नागरिकों की….

अंतरधार्मिक शादी करने पर राशिद को जेल और नमन को सुरक्षा, यही है क़ानून का राज?

मेरठ के ज़ैदी फार्म कॉलोनी निवासी फरहा और मेरठ के ही शास्त्रीनगर निवासी नमन एक दूसरे से प्रेम करते थे। नमन, फरहा को लेकर भाग गया, दोनों ऋषिकेश पहुंच गए,….

ज़रा याद उन्हें भी कर लोः अशफ़ाक उल्लाह ख़ान के नाम पर स्मारक तक भी नहीं बना पाई सरकार

असग़र मेहदी ककोरी कांड के बाद अशफ़ाक के सारे साथी पकड़ लिये गए। अशफ़ाक चौकन्ने थे पुलिस गाँव पहुँची उससे पहले निकल गए, अश्फ़ाक डॉल्टॉनगंज आ गए। वहाँ भेस बदल….

रवीश का लेखः जब मीडिया सरकार चुन ले तो जनता को अख़बार चलाना पड़ता है

किसान आंदोलन के बीच एक अख़बार निकलने लगा है। इस अख़बार का नाम है ट्राली टाइम्स। पंजाबी और हिन्दी में है। जिन किसानों को लगा था कि अख़बारों और चैनलों….

इस देश को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी हर एक नागरिक की है। इस कार्य में सभी अपना योगदान दें : ललन कुमार

लखनऊ/बक्शी का तालाब: उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक ललन कुमार पिछले कई महीनों से लखनऊ की बक्शी का तालाब (169) विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में दौरा कर नागरिकों….

प्रधानमंत्री को पंजाब के किसानों से वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा एक मां अपने बच्चे के साथ करती है।

आजादी के बाद दो महाआंदोलन हुए जिनके सामने तत्कालीन केंद्रीय सरकारों को झुकना पड़ा। इनमें से पहला आंदोलन 1956-57 में हुआ था और दूसरा 1965 में। पहले आंदोलन का संबंध….

प्रज्ञा विघटनकारी, सांप्रदायिक राजनीति का असली चेहरा हैं और भाजपा की सोच का प्रतिनिधित्व करती है!

प्रज्ञा सिंह ठाकुर भारत के सत्ताधारी दल भाजपा की कोई साधारण सदस्य नहीं हैं। वे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से पार्टी की लोकसभा सदस्य हैं और उन्हें संसद की रक्षा….