नई दिल्लीः ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा शासित राज्यों की सरकारों द्वारा लाए जा रहे कथित लव जिहाद के क़ानून पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार इस तरह का क़ानून लातीं हैं तो यह अनुच्छेद 14 और 21 का घोर उल्लंघन होगा, विशेष विवाह अधिनियम को फिर से स्क्रैप किया जाएगा। उन्हें संविधान का अध्ययन करना चाहिए। नफरत का ऐसा प्रचार काम नहीं करेगा। भाजपा बेरोजगारी का शिकार हुए युवाओं को विचलित करने का ड्रामा कर रही है।
ओवैसी ने कहा कि यदि आप रात में एक भाजपा नेता को जगाते हैं और उनसे कुछ नाम देने के लिए कहते हैं, तो वे ओवैसी से कहेंगे, इसके बाद गद्दार, आतंकवाद और आखिर में पाकिस्तान, भाजपा को बताना चाहिए कि 2019 के बाद तेलंगाना, खासतौर पर हैदराबाद को उन्होंने क्या वित्तीय मदद दी? उन्होंने कहा कि TRS, BJP,कांग्रेस ये सभी पार्टी सिर्फ चुनाव के समय में ही एक्टिव होती हैं जबकि हमारी पार्टी साल के 12 महीने काम करती हैं, हमें विश्वास है कि हमने जो काम किया है उससे हमें अच्छा नतीजा मिलेगा और हमें कामयाबी हासिल होगी।
हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने कहा कि हैदराबाद बाढ़ की चपेट में आया, मोदी सरकार ने हैदराबाद को कौन सी वित्तीय सहायता प्रदान की? वे इसे (चुनाव) सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने उस समय कोई मदद नहीं की। औवेसी ने कहा कि भाजपा का यह ऐजेंडा यहां काम नहीं करेगा, क्योंकि लोग सच्चाई जानते हैं।
बता दें कि बिहार चुनाव के नतीजों के बाद ओवैसी लगातार मीडिया में बने हुए हैं। कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेताओं ने उन्हें बिहार की हार ज़िम्मेदार बताया है, जबकि ओवैसी ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए तीखे सवाल किये हैं। बता दें कि बिहार चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल में पांच विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। तेलंगाना के बाद ओवैसी की पार्टी की यह सबसे बड़े कामयाबी है। तेलंगाना में ओवैसी की पार्टी के सात विधायक हैं, और अब बिहार में उनके पांच विधायक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्रा में उनकी पार्टी ने दो सीटों पर भी जीत दर्ज की थी।