नई दिल्ली: राजस्थान के उदयपुर में दिनदहाड़े हुई हत्या का मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कड़ा विरोध किया है। मंच ऐसी जघन्य हत्या से बेहद स्तब्ध है और इसकी कड़ी निन्दा करता है। देश के सभी पदाधिकारियों, राष्ट्रीय संयोजकों, सह संयोजकों, सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारी एवं प्रभारियों ने ऑनलाइन हुई मंच की बैठक में एक स्वर में कहा है की धर्म के नाम पर बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। मंच ने सरकार से मांग की है कि इस तरह के आतंकियों और हैवानों को तुरंत सख्त से सख्त सजा दी जाए। मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल और शाहिद अख्तर का कहना है कि हम सभी को धर्म, जात, समुदाय से ऊपर उठ कर नफरत को करारी शिकस्त देनी है। साथ ही साथ अपील करते हुए कहा है कि कृप्या शांति और भाईचारा बनाए रखें। सर के बदले सर किसी भी सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि मजहब के नाम पर नासूर बन चुके लोगों का ऑपरेशन खात्मा होना चाहिए क्योंकि ऐसे असमाजिक तत्वों के कारण देश के मुसलमानों और इस्लाम को कटघरे में खड़ा होना पड़ता है। जबकि इस्लाम सलामती, भाईचारा और अमन का मजहब है इसलिए ऐसी बर्बर और क्रूर घटना को इस्लाम के नाम पर अंजाम देना इस्लाम की तौहीन है, इससे हिन्दुस्तानी और दुनिया के अमनपसंद मुसलमान भी बदनाम व शर्मसार हुए हैं जो निंदनीय एवं चिंतनीय है। इतिहास ऐसे असमाजिक तत्वों और देश के गद्दारों को कभी माफ भी नहीं कर सकता जो देश के प्रधानमंत्री तक को जान से मारने की धमकी देते हों। मीडिया प्रभारी ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश और दुनिया के मौलानाओं, इमामों, मौलवियों और मुस्लिम सभ्य समाज से अपील करता है की ऐसे सभी लोगों को इस्लाम से बर्खास्त किया जाना चाहिए जो मानवता और इस्लाम के दुश्मन हैं, ऐसे लोगों को इतिहास भी कभी माफ नहीं करेगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक एस के मुददीन एवं अबु बकर ने कहा है कि उदयपुर की घटना किसी पागलपन से कम नहीं है जिसमें कन्हैया लाल नामक व्यक्ति की नृशंस हत्या कर घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया। मंच का मानना है कि कोई विकृत मानसिकता का व्यक्ति ही ऐसी शर्मसार करने वाली बर्बरता पूर्ण हरकत कर सकता है। एक अन्य घटना में महाराष्ट्र के अमरावती शहर में विकृत मानसिकता देखने को आई जब एक और व्यक्ति की इसी प्रकार से हत्या कर दी गई। महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजक शहनाज अफजाल, शालिनी अली और रेशमा हुसैन ने कहा है कि मंच इस प्रकार की सभी घटनाओं की घोर निंदा करता है। महिला प्रकोष्ठ ने कहा कि मंच का यह मत है की ऐसी घटनाओं के कारण शांति, सलामती और भाईचारा के लिए जाना जाने वाला हमारा प्यारा मजहब तो बदनाम हुआ ही है साथ ही साथ हिन्दुस्तानी मुसलमान भी बेहद शर्मिंदा हैं।
युवा एवं बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक खुर्शीद राजाका और इमरान चौधरी ने मुस्लिम समाज के धर्मगुरु और बुद्धिजीवियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि किसी भी दुर्घटना के बाद इस्लाम धर्म के सिद्धांतों को बताने के फर्जी नाटक को बंद करके अब सच्चे मन से कट्टरवाद के खिलाफ खड़े हों ताकि कहीं भी ऐसी दुर्घटना न हो। उन्होंने इस दुर्घटना के लिए पूरी तरह से मुस्लिम समाज के उन प्रमुख लोगों को कसूरवार बताया जिन्होंने नुपुर शर्मा के विवादित बयान के खिलाफ जगह जगह मुस्लिम सम्मेलन करके भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम किया और कट्टरपंथी सोच को मजबूत किया है। ये वो लोग हैं जो अपने ही समाज को हिन्दू, बीजेपी और आरएसएस का डर दिखाकर निजी स्वार्थ में मुसलमान और इस्लाम को खतरे में बताने का धंधा करते हैं।
मंच की तरफ से रजा हुसैन रिजवी और फातिमा अली ने ऐसे जघन्य, मानवता विरोधी आतंकी तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग करते हुए कहा है कि सजा ऐसी इब्रतनाक हो कि इस तरह की घटनाएं हमेशा के लिए खत्म हो जाएं। सैय्यद फैयाजजुद्दीन और एम ए सत्तार ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ असमाजिक तत्व इस का समर्थन भी कर रहे हैं जो अत्यंत निंदनीय एवं घिनौना है। मंच की ओर से इस्लाम अब्बास और मज़ाहिर खान का मानना है कि ये ऐसी विभत्स घटना है जिसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। कन्हैया लाल की हत्या कर के ही मात्र आतंकी नहीं रुके बल्कि सारी गरिमा को तार तार करते हुए प्रधानमंत्री को भी घटिया भाषा मे जान से मारने की धमकी तक दे डाली है। देश के ऐसे गद्दारों को कठोरतम सजा दिए जाने के पक्ष में है मंच।