साकार हुआ नीरज चोपड़ा का अपने माता-पिता को हवाई जहाज में यात्रा कराने का सपना

टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत के लिये ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा भले ही अपनी सफलता के बाद चर्चा का विषय बन गए हों, लेकिन बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद यह खिलाड़ी अभी भी ज़मीन से जुड़ा हुआ है। ओलंपिक में करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों पर खरा उतरने वाले नीरज का सपना शनिवार की सुबह सच हो गया, जब इस खिलाड़ी ने पहली बार अपने माता-पिता को फ्लाइट की यात्रा करवाई। इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर माता-पिता की तस्वीरें शेयर करके दी है।

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गोल्डन ब्वॉय नीरज ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘आज जिंदगी का एक सपना पूरा हुआ जब अपने मां-पापा को पहली बार फ्लाइट में बैठा पाया। सभी की दुआ और आशीर्वाद के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।’ उल्लेखनीय है कि नीरज ने बीते माह ऐलान किया था तबीयत खराब होने और ट्रैवलिंग की वजह से उनकी ट्रेनिंग की शुरुआत नही हो पा रही है, जिसकी वजह से उनकी टीम ने इस साल का सीजन रोकने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वे अगले साल यानी 2022 में एशियाई खेल और कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेंगे।

 

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नीरज चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, ‘सबसे पहले, मैं टोक्यो से वापस आने के बाद से मिले प्यार और स्नेह के लिए सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं ईमानदारी से देश भर से और बाहर से मिले समर्थन से अभिभूत हूं और आप सभी का आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्दों की कमी है।’

जानकारी के लिये बता दें कि नीरज ने ओलंपिक में जैवलिन थ्रो के फाइनल इवेंट में 87.58 मीटर का थ्रो फेंककर ट्रैक एंड फील्ड में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था। नीरज भारत की तरफ से ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले महज दूसरे ही खिलाड़ी हैं। उनसे पहले 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिये गोल्ड मेडल जीता था। खास बात यह है कि नीरज चोपड़ा की ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को वर्ल्ड एथलेटिक्स ने टोक्यो में ट्रैक एवं फील्ड के 10 जादुई पलों में शामिल किया था।