नई दिल्ली: त्रिपुरा में हालात दिन प्रति दिन खराब होते जा रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए कई दिनों से राज्य भर में प्रदर्शन और रैलियां चल रही थी, लेकिन ये रैलियां तेज हो गईं और राज्य के मुसलमानों के खिलाफ हिंसक रूप धारण कर लिया। जिस के नतीजे में मस्जिदों में तोड़फोड़, आगजनी, मुस्लिम दुकानों और घरों में तोड़फोड़, मुस्लिम विरोधी नारेबाजी जैसी घटनाएं रोजाना सामने आ रही हैं।
इस मामले पर बुधवार को एपीसीआर (एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स), एसआईओ (स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया) और जमात-ए-इस्लामी हिंद के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार और त्रिपुरा सरकार से स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित करने तथा राज्य के मुसलमानों के जीवन और संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एडवोकेट फ़वाज़ शाहीन (केंद्रीय सचिव, एसआईओ ऑफ इंडिया) ने कहा, “त्रिपुरा पिछले एक सप्ताह से सांप्रदायिक हिंसा और मुसलमानों पर हमलों की एक खतरनाक दौर से गुजर रहा है। स्थानीय लोगों व कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा मुस्लिम क्षेत्रों में मस्जिदों, घरों और लोगों पर हमला करने की 27 घटनाएं सामने आई हैं। जिनमें 16 घटनाएं मस्जिदों में तोड़फोड़ की हैं, तथा जबरन वी एच पी (विश्व हिंदू परिषद) के झंडे फहराए गए। कम से कम तीन मस्जिदें, अनाकोटी जिला में पलबाजार मस्जिद, गोमती जिले में डोगरा मस्जिद तथा विशाल गढ़ में नरूला टीला मस्जिद को आग लगा दी गई। मुस्लिम घरों पर पथराव किया गया और उन्हें निशाना बनाया गया, तथा तोड़फोड़ की भी ख़बरें सामने आ रही हैं।”
एपीसीआर सचिव नदीम खान ने कहा, “सरकार और राज्य प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि हिंसा खत्म हो और शांति बनी रहे। कई जगहों पर बांग्लादेश की घटनाओं का हवाला देकर त्रिपुरा में स्थिति को सही ठहराया जा रहा है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं पर सरकार ने कुछ ही दिनों में कठोर कदम उठाए हैं। लगभग 500 गिरफ्तारियां की गई हैं, लेकिन त्रिपुरा में स्थिति अभी भी ज्यों की त्यों बनी हुई है।
सुल्तान हुसैन (सचिव, एसआईओ त्रिपुरा) ने कहा, “राज्य की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को उत्तरी त्रिपुरा के धर्मनगर और कैलाशहर के क्षेत्रों में मुसलमानों द्वारा प्रदर्शन किया गया था। उन क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई, और प्रदर्शन से रोक दिया गया। लेकिन जिन क्षेत्रों में उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी को अंजाम दिया जा रहा है वहाँ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार तथा प्रशासन के तरफ कुछ ही जगहों पर पुलिस की तैनाती दिखाकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश का दिखावा किया जा रहा है।”
जमात-ए-इस्लामी हिंद के सचिव मलिक मोतसिम खान ने कहा, ”हम सरकार से अपील करते हैं कि यथाशीघ्र स्थिति को नियंत्रण में लाया जाए। साथ ही मस्जिदों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए। मुसलामानों को विशेष सुरक्षा प्रदान किया जाए और जो आतंक फैला रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि राज्य में शांति स्थापित हो सके।” प्रेस कॉन्फ्रेंस में मात-ए-इस्लामी हिंद त्रिपुरा के अध्यक्ष नूरुल इस्लाम मजहर भुइया और एसआईओ त्रिपुरा के अध्यक्ष शफीक-उर-रहमान भी मौजूद थे।