अलीगढ़ः ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ने इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ इस्लामोफोबिया अभियान पर अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में पारित प्रस्ताव का स्वागत किया है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा का प्रस्ताव इस बात का प्रमाण है कि दुनिया भर में इस्लाम और मुसलमानों के दुश्मन एक साजिश के तहत मुसलमानों और इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं और इस प्रस्ताव में मांग की है कि अमेरिकी सरकार इस्लामोफोबिया को रोकने के लिए कदम उठाए। उन्होंने भारत सरकार से इस्लाम और ईसाई धर्म के खिलाफ अभियान को रोकने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।
डा. बसीर ने आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान की सख़्त आलोचना की जिसमें उन्होंने चित्रकूट में अपने प्रोग्राम में उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई कि वे लोगों को हिंदू धर्म छोड़ने से रोकेंगे और अन्य लोगों को हिंदू धर्म में लाने के लिए काम करेंगे। उनका यह बयान उन लोगों को प्रोत्साहित करता है जो देश में धर्म परिवर्तन के नाम पर अशांति फैला रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार आई है, मुसलमानों और ईसाइयों की धार्मिक स्वतंत्रता पर लगातार हमले होते रहे हैं। बड़ी संख्या में चर्चों पर हमला किया गया है। जिन लोगों ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म को त्याग दिया है और इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए हैं, उन पर हमला किया जा रहा है और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।
प्रोफेसर बशीर ने कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी और मोहम्मद उमर गौतम जेल में हैं और नारायण सिंह त्यागी (पूर्व वसीम रिजवी) और नरसिंहानंद को इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ गंदे बयान देने के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इसे रोका जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और मौलाना कलीम सिद्दीकी और मुहम्मद उमर गौतम और उनके सहयोगियों को रिहा किया जाना चाहिए।
डॉ. बसीर ने कहा कि गुरुग्राम में खुले स्थानों पर जुमे की नमाज को बाधित करने और दंगाइयों को रोकने के बजाय, मुख्यमंत्री खट्टर उनका समर्थन कर रहे हैं, जबकि आरएसएस की शाखाएं पार्कों में स्थापित की गई हैं और कावंड के दौरान सड़कों पर हफ्तों तक कावंडयों का कब्जा रहता है। यह दोहरा मापदंड गलत है उन्होंने घोषणा की कि मुस्लिम मजलिस यूपी चुनाव में योगी सरकार की अवैधता को खत्म करने के लिए काम करेगी ताकि एक न्यायपूर्ण सरकार की स्थापना हो सके।