सेंचुरियन टेस्ट में टीम इंडिया की जीत के मायने!

वीर विनोद छाबड़ा

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सेंचुरियन टेस्ट में इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 113 हरा दिया है. इसे ऐतिहासिक भी बताया जा रहा है. दरअसल, इंडिया ने इससे पहले कभी सेंचुरियन में कभी कोई टेस्ट नहीं जीता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि साउथ अफ्रीका में इंडिया की इस जीत को मिला कर ये तीसरी ही टेस्ट जीत है. तभी इतना रौला मचा है. इतिहास खंगालने वाले बता तो ये भी रहे हैं कि सेंचुरियन में जीतने वाली इंडिया पहली विपक्षी टीम है. हो सकता है. लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में ये जीत हैरतअंगेज़ है. हमारे टॉप के बैट्समैन अजिंक्या रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और खुद कप्तान विराट कोहली का बल्ला पिछले लम्बे अरसे से खामोश है. इन्फॉर्म बैट्समैन रोहित शर्मा तो चोटिल होने के कारण सीरीज से ही बाहर हैं. बैटिंग की सारी ज़िम्मेदारी एक अकेला बेचारा केएल राहुल उठाये हुए है जिसके कुछ समय पूर्व टीम में होने पर सवालिया निशान लगाए जाते रहे. बहरहाल, राहुल का साथ बखूबी मयंक अग्रवाल ने दिया.

जब इंडिया पहले दिन के आखिर में 272/3 की हैप्पी पोज़ीशन से अगले दिन 327 रन पर आउट हो गयी तभी से तय हो गया कि टीम के बॉलर्स को एक्स्ट्रा वर्क करना पड़ेगा. कोहली खुश हुए जब बॉलर्स ने अपना काम न सिर्फ अच्छी तरह बल्कि बहुत ही शानदार तरीके से अंजाम दिया. मो.शामी और जसप्रीत बुमराह ने कहर ढाह दिया. शामी ने पांच विकेट लिए और इसके साथ ही उन्होंने 200 टेस्ट विकेट लेने का एक पर्सनल रिकॉर्ड भी बना डाला. साउथ अफ्रीका 197 पर ढेर हो गयी. कोई बैट्समैन लम्बी इनिंग की तरफ बढ़ता दिखा नहीं. इंडिया को 132 रन की लीड मिल गयी.

इतनी बढ़िया लीड के बाद हौंसला बुलंद होना चाहिए था. मगर बैट्समैन ज़्यादा कुछ कर नहीं पाए, महज़ 174 रन पर आउट हो गए. शायद समझ में सबके आ गया था कि इस पिच पर पहली इनिंग में जितने रन आ गए उतने दूसरी इनिंग में नहीं आने को हैं और लीड पर ही निर्भर रहना है. दूसरी इनिंग में जो भी रन बनने हैं उसे बोनस मान कर चलो. और यही हुआ. बॉलर्स को ज़रूर फिर ‘हार्ट आउट’ बॉलिंग करनी पड़ी. दूसरा कोई चारा भी नहीं था. बुमरा और शामी ने फिर कहर ढाया और आपस में तीन-तीन विकेट बांटे. सिराज और अश्विन दो-दो विकेट से संतुष्ट होना पड़ा. अश्विन ने दो विकेट एक के बाद एक लिए और इसी के साथ साउथ अफ्रीका की बैटिंग का 191 पर अंत हो गया.

ये जीत इस वज़ह से भी रोमांचक रही कि एक दिन का खेल बारिश ने धो दिया और आखिरी दिन लंच के फ़ौरन बाद ही साउथ अफ्रीका तीन विकेट गिरने के साथ ही ढेर हो गयी. यानी कुल साढ़े तीन दिन खेल हुआ. वैसे ये भी अपने में सही है कि साउथ अफ्रीका की टीम में अब पहले जैसी बात नहीं है. हाशिम अमला,  पीटरसन, एबी डीविलियर्स जैसे तमाम वर्ल्ड क्लास दिग्गज अब टीम में नहीं हैं. इस टीम को आउट करना कोई मुश्किल नहीं है. मुझे इस मैच में इस वज़ह से भी मज़ा आया कि पूरे चालीस विकेट गिरे. अब ये कोई इतिहास खंगालने वाला ही बता पायेगा कि विगत में कब कब पूरे चालीस विकेट गिरे. चलिए मैच का अंत अच्छे नोट पर ख़त्म हुआ, केएल राहुल को प्लेयर ऑफ़ मैच चुन कर. उन्होंने पहली इनिंग में 122 रन की शानदार इनिंग खेली थी. क्रिकेट के नज़रिये से साल का अंत जीत के साथ हुआ. अगला साल भी शुभ रहे. अब नज़रें अगले टेस्ट पर रहेंगी. देखना है ऊंठ पासा पलटता है या नहीं.