वंदे मातरम् नहीं बाेलने पर माैलवी काे गांव से निकाला

नई दिल्लीः  हरियाणा के पानीपत के गांव बापौली की मस्जिद पर तिरंगा फहराने के बाद भारत माता और वंदे मातरम् के नारे नहीं लगाने पर विवाद के की वजह से एक मौलवी को गांव से निकाल दिया गया। 26 वर्षीय मौलवी मुरसलीन सनौली थाना के गांव अधमी के रहने वाले हैं। वह दो साल से बापौली गांव की छोटी मस्जिद में मौलवी थे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आर्य समाज से जुड़े ग्रामीणों ने मस्जिद पर झंडा फहराया था। तिरंगा फहराने के बाद मौलवी मुरसलीन से नारा लगाने को कहा गया। इस पर उन्होंने इनकार कर दिया।

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक यू-ट्यूबर मौलवी मुरसलीन से वंदेमातरम् कहने के लिये कह रहा है, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में बहुत से लफ्ज हैं, लेकिन यह नहीं बोलूंगा। इसके बाद मामला बिगड़ गया, 21 अगस्त को गांव के आर्य समाज मंदिर में महापंचायत बुलाई गई। जिसकी भनक लगते ही प्रशासन भी सक्रिय हो गया।

इसी गांव के निवासी राशिद ने बताया कि मुस्लिम समाज के लोगों ने ही मौलवी को 16 अगस्त को मस्जिद छोड़कर चले जाने को कहा। उनका कहना था कि गांव का माहौल खराब नहीं करना चाहते। गांव बापौली की सरपंच के पति शिव कुमार ने बताया कि गुरुवार को बापौली थाने में मुस्लिम समाज के पांच-सात लोग आए थे। उन्होंने बताया कि मौलवी को गांव से निकाल दिया गया है, ताकि गांव का माहौल खराब न हो।

एसडीएम-डीएसपी के सामने मौलवी के भाई ने माफी मांगी

समालखा के एसडीएम बिजेंद्र हुड्डा व डीएसपी समालखा प्रदीप कुमार गुरुवार को बापौली थाने पहुंचे। गांव के दोनों पक्षों के साथ यू ट्यूबर को भी बुलाया गया। यू-ट्यूबर से माफी मंगवाई गई। और मौलवी के भाई अफसर अली ने भी माफी मांगी। मौलवी के भाई ने कहा कि इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि प्रशासन ने मना किया है।

गांव वालों ने आपस में मामला निपटा लिया: एसडीएम

दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक़ एसडीएम, समालखा बिजेंद्र कुमार हुड्डा ने दोनों समुदाय के लोगों को गुरुवार को थाने में बुलाया गया था। मामले को उकसाने के लिए यू-ट्यूबर ने भी माफी मांग ली। गांव के दोनों पक्षों ने बताया कि विवाद खत्म हो गया है। जहां तक मौलवी को गांव से निकालने की बात है, तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है।