अमन-व-इंसाफ कांफ्रेंस में बोले मौलाना सज्जाद नोमानी, शांति न्याय से स्थापित होती है, न्याय कीजिए…

जयपुरः जयपुर के करबला मैदान में ज्वाइंट एक्शन फोरम राजस्थान द्वारा आयोजित ऑल इंडिया अमन-व-एकता कांफ्रेंस में देश सभी धर्मों से ताअल्लुक रखने वाले सोशल एक्टिविस्टों, धर्म गुरुओं ने ने देश में बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ शांति एंव एकता का संदेश दिया। इस कांफ्रेंस में जहां सामाजिक न्याय के मुद्दे वक्ताओं ने अपनी बात रखी, वहीं देश में चल रहे नफ़रत के माहौल के ख़िलाफ भी देश के इंसाफ पसंद अवाम से एकजुट होने का आह्वान किया गया। इस कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने आए वरिष्ठ मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि मुसलमानों के अंदर मायूसी और ख़ौफ पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने इंसाफ़ की उम्मीद ज़ाहिर करते हुए कहा कि इंसाफ का वक्त क़रीब है।

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मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि जिस तरह आज मुसलमानों को घर वापसी करने के लिये कहा जाता है ऐसा हर दौर में होता रहा है। उन्होंने कहा कि अंधेरा अधिक होने पर सुबह आती है। नबी ﷺ के अपमान को लेकर चल रहे विवाद मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि आज एक महिला की नासमझी के कारण पूरी दुनिया में नबी ﷺ का अपमान का मुद्दा बड़ा मुद्दा बन गया है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे नबी ﷺ की जीवनी को फिर से पढ़ें, और नबी ﷺ के बताए रास्ते पर चलें। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि हज़रत आयशा को अपना आदर्श बनाएं। मौलाना सज्जाद नोमानी ने मुसलमानों को भी नसीहत की, उन्होंने कहा कि सरकार और राजनीतिक दलों को बुरा भला कहना कोई मुश्किल नहीं, लेकिन हम खुद से भी सवाल करें कि हम कितना फीसद नबी के बताए रास्ते पर चल रहे हैं।

मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि हर समाज में, हर राज्य में, हर धर्म में आज भी अच्छे लोग बहुसंख्यक है, लेकिन वो अच्छे लोग जुड़ नहीं पा रहे, इस कांफ्रेंस में निर्णय लिय गया कि देश भर में अमन-व-एकता सम्मेल किए जाएंगे। मौलाना सज्जाद नोमानी ने हिजाब, ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर मुखर होने वाली मुस्लिम महिलाओं के हौसले की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस्लाम एक सभ्यता है, इस्लाम मानवीय मूल्यों की हिफाज़त का नाम है। उन्होंने कहा कि नबी ﷺ दुनिया के लिये रहमत बनकर आए थे।

पुराने दिनों की याद

मैलाना सज्जाद नोमानी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि 90 के दशक में वे जयपुर में इसी तरह के एक सम्मेलन में आए थे। उस कार्यक्रम में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने भी शिरक की थी। मौलाना सज्जाद नोमानी ने बताया कि उस सम्मेल में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने एक सवाल किया था कि वो समाज ग़रीब क्यों है जिसके पास ज़कात का सिस्टम मौजूद है? जिसका जवाब मौलाना सज्जाद नोमानी ने दिया था। बक़ौल मौलाना सज्जाद नोमानी, मैंने बताया था कि ज़कात देने वाले ज़कात देने के सिस्टम के तहत ज़कात नहीं नहीं दे रहे हैं।

मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि किसी भी इंसान को ज़कात इस तरह से दी जाए कि वह फिर ज़कात लेने का अधिकारी न रहे। मौजूदा हालात पर बात करते हुए मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि अमन इंसाफ से क़ायम होता है। जब तक हर किसी के साथ इंसाफ नहीं हेगा, तब तक अमन कायम नहीं हो सकता। अमन कायम नहीं हुआ तो देश तरक्की नहीं कर सकता, कुछ लोग तरक्की कर सकते हैं लेकिन देश नहीं।

ज्ञानवापी के मुद्द पर उन्होंने कहा कि मस्जिद को खोदकर शिवलिंग निकालने की साजिश से शर्म आती है।यह सांप्रदायिकता नहीं दिमाग़ी दिवालियापन है। प्रधानमंत्री की चुप्पी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राजा (मोदी) प्लेयर नहीं है बल्कि कोच है। कोच गोल नहीं मारता, बल्कि तरीक़ा सिखाता है। अब पर्दे के पीछे से कठपुतलियां नचा रहा है। मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि देश में मज़लूम बहुसंख्या में हैं, सभी को एक साथ आना होगा। साथ ही उन्होंने मुस्लिम युवाओं से भी आह्वान किया कि वे खाली बैठकर, या मोबाइल पर अपना समय बर्बाद न करें। उन्होंने कहा कि एक-एक सैकेंड कीमती हैं। हिजाब के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हिजाब पर फख्र करो, हिजाब भारतीय संस्कृति का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि आज भारत पश्चिमी संस्कृति को अपना रहा है। उन्होंने कर्नाटक में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि हिजाब खींचने वाले राजस्थान आएं। साथ ही उन्होंने राजस्थान की महिलाओं से भी आह्वान किया कि घूंघट मत छोड़ना, यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा है।