लखनऊः धार्मिक गुरू मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ्तारी पर राष्ट्रीय उलमा कौंसिल के प्रवक्ता तलहा रशादी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यूपी में सत्ताधारी दल के पास चुनाव में जनता को बताने के लिए कोई विकास कार्य नही है न ही उनके पास कोई समाजिक या राजनीतिक मुद्दे हैं जिसपे चुनाव में उतर सके इसलिए अब प्रदेश में ध्रुवीकरण और साम्प्रदायिक राजनीति शुरू हो गयी है।
उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी इसी ध्रुवीकरण को बढ़ाने और साम्प्रदायिक माहौल गर्माने की नीयत से की गई है वरना प्रथम दृष्टि मौलाना के ज़रिए कोई ऐसा अवैधानिक कार्य नही किया गया और ना ही उनके विरुद्ध कोर्ट में पुलिस कोई ठोस सबूत ही पेश कर सकी जिस कारण माननीय न्यायालय ने उन्हें पुलिस रिमांड की मांग के बावजूद सीधे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। ये दर्शाता है कि मौलाना की गिरफ्तारी क़ानूनी कारणों से कम राजनैतिक कारणों से ज़्यादा है ताकि आगामी UP चुनाव में ध्रुवीकरण और साम्प्रदायिक राजनीति को बल दिया जा सके और चुनाव को इसी मुद्दे पर केंद्रित किया जा सके।
पार्टी प्रवक्ता एडवोकेट तलहा रशादी ने कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी एक प्रतिष्ठित इस्लामिक स्कालर हैं. उनके धार्मिक क्रियाकलापों को जिस तरह से आपराधिक बनाकर पेश किया जा रहा है, यह एक साजिश है और संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। मौलाना की गिरफ्तारी की जितनी निंदा की जाए कम है। राजनैतिक लाभ के लिए एक खालिस धार्मिक व्यक्ति की अवैधानिक गिरफ्तारी संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन होने के साथ ही अनैतिक और अशोभनीय है।