नई दिल्ली: जमीअत उलमा ए हिंद राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी द्वारा लड़के और लड़कियों की शिक्षा की व्यवस्था अलग अलग किए जाने वाले बयान को देश के मीडिया के एक वर्ग ने तालिबान से जोड़ते हुए विवादित बना दिया है, जिसके बाद से मौलाना अरशद मदनी के बयान को लेकर देश के कई हिस्सों से प्रतिक्रिया आ रही हैं।
जानकारी के लिये बता दें कि मौलाना अरशद मदनी ने लड़कियों की शिक्षा को जरूरी बताते हुए लड़कियों को दीन और दुनिया दोनों की शिक्षा देने पर जोर दिया था। उन्होंने लड़के और लड़कियों के लिए शिक्षा की व्यवस्था अलग अलग करने की बात कही थी, जिसे लेकर मीडिया में कई लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी सिलसिले में विश्व हिंदु परिषद के पूर्व फायरब्रांड नेता प्रवीण तोगड़िया ने ना सिर्फ मौलाना अरशद मदनी पर निशाना साधा बल्कि जमीयत और दारुल उलूम देवबंद पर भी हमला बोला है।
तोगड़िया को जवाब
प्रवीण तोगड़िया के बयान पर मौलाना सैयद अरशद मदनी ने पलटवार करते हुए हुए तोगड़िया के बयान को गैर जिम्मेदाराना और भड़काऊ बताया है। मौलाना मदनी ने कहा कि उन्हें (तोगड़िया को) दारुल उलूम देवबंद और जमीअत उलमा हिंद देश की आजादी में दी गई कुर्बानी के बारे में कुछ पता नहीं है। मौलाना मदनी ने कहा कि दारुल उलूम देवबंद और जमीअत उलमाए-हिंद का इतिहास गौरवशाली है जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका अदा की है और इसके बलिदान को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने कहा कि हम शिक्षा और सेवा को अपनी जिंदगी का मिशन बनाया है इस पर हम बगैर किसी भेदभाव के काम कर रहे हैं। हमने धर्म और नस्ल की बुनियाद पर नहीं बल्कि मानवता के आधार पर लोगों की सेवा की है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीअत उलमा हिंद आज भी बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लिए सामान खिदमत का काम कर रही है।
अमीर उल-हिंद मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जिन लोगों का देश की आजादी में रत्ती भर भी योगदान नहीं है वह लोग इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, जिस पर सिर्फ अफसोस किया जा सकता है। गौरतलब है कि मौलाना का मिश्रित शिक्षा को लेकर दिया गया बयान मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है।
नक़वी और यासूब ने भी की आलोचना
मौलाना अरशद मदनी के बयान पर शिया पर्सनलॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने मौलाना मदनी के बयान को ग़ैर ज़िम्मेदाराना बताया है। वहीं केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि देश संविधान से चलता है, शरियत से नहीं। जो शरियत का डंडा चलाकर संविधान की मूल भावना पर हमला करने की कोशिश करते हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसी मानसिकता देश स्वीकार नहीं करेगा।
देश संविधान से चलता है, शरियत से नहीं। जो शरियत का डंडा चलाकर संविधान की मूल भावना पर हमला करने की कोशिश करते हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसी मानसिकता देश स्वीकार नहीं करेगा: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के लड़कियों को को-एड स्कूलों में न भेजने की अपील पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी pic.twitter.com/QlIw0wdhSM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2021