नई दिल्ली: देश में बढ़ती संप्रदायिकता पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जमीअत उलमा हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने देश के हर वर्ग से मिलकर संप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने की अपील की, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की सोच और कार्यशैली से नफरत और पक्षपात साफ झलकता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बुधवार को अपने एक बयान में मौलाना अरशद मदनी ने देश में बढ़ती हुई खतरनाक सांप्रदायिकता के संबंध में जो बातें सामने आई हैं उनको लेकर सरकार की जो सोच व व्यवहार है और जिस तरह उन चीजों को पूरे देश में प्रस्तुत किया जा रहा है वो नफरत और पक्षपात पर आधारित है, इसे रोकने के लिए हमारे पास कोई ताकत नहीं है।
Fighting sectarianism is responsibility of all sections of society, not Muslims alone
“we cannot win the war against sectarianism alone.We have to bring together all secular-minded people of the society.We have to come together to put out this fire of hatred and sectarianism.— Arshad Madani (@ArshadMadani007) November 25, 2021
मौलाना मदनी ने किसी का नाम लिये बग़ैर कहा कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनके पास सत्ता की ताकत है। जिसे आज की दुनिया में सबसे बड़ी ताकत समझा जाता है। मगर आज भी ऐसी निराशजनक स्थिति में आशा और विश्वास के चिराग रौशन हैं। देश का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो देश की वर्तमान स्थिति को गलत समझता है। एक विशेष वर्ग के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों से जो कुछ हो रहा है उसे वो अच्छी नजर से नहीं देखता, वो यह भी समझता है कि इस प्रकार की चीजें देश के लिए बहुत घातक हैं।
मौलाना मदनी ने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ जंग में हम अकेले सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। हमें न केवल उस वर्ग को बल्कि समाज के सभी समान विचारधारा के लोगों को अपने साथ लाना होगा। नफरत और सांप्रदायिकता की इस आग को बुझाने के लिए हमें मिलजुलकर आगे आना होगा। अगर हम ऐसा करेंगे तो कोई कारण नहीं कि सांप्रदायिक ताकतों को पराजित न कर सकें।
मौलाना अरशद मदनी का आरोप है कि सांप्रदायिता और नफरत का यह खेल दक्षिण की तुलना में उत्तरी भारत में अपने चरम पर है। इसका मूल कारण राजनीतिक हित है। भड़काऊ भाषण और ऊटपटांग बयानों से समाजी स्तर पर सांप्रदायिक गोलबंदी की साजिश हो रही है। ताकि बहुसंख्यक को अल्पसंख्यक से बिल्कुल अलग करके अपनी नापाक योजनाओं में सफलता प्राप्त कर ली जाए। कहा कि नफरत और सांप्रदायिकता की आग भड़काने वाले मुट्ठी भर लोग ही हैं। लेकिन वह शाक्तिशाली इसलिए हैं कि उन्हें सत्ता में उपस्थित लोगों का संरक्षण प्राप्त है।