रक्षा विभाग की खुफिया जानकारी आईएसआई को भेजता था मल्लिकार्जुन, पुलिस ने किया गिरफ्तार

नई दिल्लीः हैदराबाद में रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने के एक संविदा कर्मचारी को गिरफ्तार किया है, गिरफ्तार कर्मचारी पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की महिला के साथ गुप्त जानकारी साझा करता था। पुलिस के मुताबिक आरोपी मल्लिकार्जुन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक संदिग्ध महिला हैंडलर के संपर्क में था और वह सोशल मीडिया के माध्यम उसको जानकारी दे रहा था।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

इस तरह मिली सफलता

अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार आरोपी की पहचान दुक्का मल्लिकार्जुन रेड्डी उर्फ अर्जुन बिट्टू के रूप में हुई है। इसे हैदराबाद के त्रिवेणी नगर, हैदराबाद में स्पेशल ऑपरेशन टीम, एलबी नगर जोन, राचकोंडा, हैदराबाद और बालापुर पुलिस के एक संयुक्त अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया है।

गोपनीय जानकारी पहुंचाई सीमा पार

पुलिस द्वारा जारी किये गये बयान के मुताबिक़ 17 जून, 2022 को विश्वसनीय सूचना पर स्पेशल ऑपरेशन टीम ने एलबी नगर जोन और बालापुर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला के संविदा कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। इसने आईएसआई हैंडलर को बेहद सुरक्षित और गोपनीय जानकारी साझा की है।

सोशल मीडिया बना सहारा

पुलिस के मुताबिक़ मल्लिकार्जुन ने ‘डीआरडीएल-आरसीआई परिसर की अत्यधिक सुरक्षित और गोपनीय जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से एक संदिग्ध आईएसआई महिला हैंडलर के साथ लीक की थी, जिससे राष्ट्रीय अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचने की आशंका है।

पुलिस ने बताया कि संदिग्ध महिला ने अपने फेसबुक अकाउंट पर डीआरडीएल में काम के बारे में पोस्ट किया था और अपना नाम नताशा राव बताया था। पुलिस के मुताबिक दो साल पहले मार्च 2020 में आरोपी को सोशल मीडिया पर नताशा राव नाम की महिला की तरफ से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गयी थी जिसे उसने स्वीकार कर लिया। महिला ने मल्लिकार्जुन को बताया कि वह यूके डिफेंस जर्नल की कर्मचारी है और उसके पिता ने यूके जाने से पहले भारतीय वायु सेना में काम किया था।

सिम कार्ड और एक लैपटॉप भी बरामद

पुलिस ने मल्लिकार्जुन से दो मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड और एक लैपटॉप भी बरामद किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 2014 में इंजीनियरिंग पूरी करने वाले आरोपी ने विशाखापत्तनम में एक निजी फर्म में ‘क्वालिटी चेक इंजीनियर’ के रूप में काम किया था और 2018 में नौकरी छोड़ दी थी। बाद में, उसने बेंगलुरु स्थित एक कंपनी की हैदराबाद शाखा में काम किया, जो डीआरडीएल के लिए काम कर रही थी। हालांकि बाद में कंपनी को डीआरडीएल से कोई काम नहीं मिला।