गिरीश मालवीय
फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स कहे जाने डॉक्टर्स और नर्सों के लिए मोदी जी ने क्या व्यवस्था की है पता है आपको? मोदी सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए अब क्वारंटीन रहने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इस नई गाइडलाइन के खिलाफ डॉक्टरों और नर्सों में बड़ा गुस्सा है इस गाइडलाइंस के अनुरूप दिल्ली सरकार ने राजधानी के अस्पतालों में यह नियम लागू कर दिया है। और संदिग्ध स्वास्थ्य कर्मियों को क्वारंटीन रहने की व्यवस्था खत्म कर दी है.
बीते रोज़ दिल्ली में डॉक्टर्स फेडरेशन और नर्सेस एसोसिएशन के सदस्यों ने गाइडलाइन के खिलाफ अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स के लिए तो आपने ताली थाली खूब जोरशोर से बजाई थी ! अब जो इतना बड़ा अन्याय उनके साथ किया जा रहा है उस पर अब मोदी जी को दो शब्द बोलेंगे कि नही?
जियो की बल्ले बल्ले
कुछ दिनों पहले जब कडा लॉक डाउन लागू था तब मुझे सूचना मिली कि इंदौर में बिग बाजार मॉल शुरू हो गया है मैंने कुछ सामान आर्डर किया तब उसने पेमेंट मेथड के बारे में कुछ नहीं कहा जब उसने पूरा सामान पैक कर दिया तो बिग बाजार से फोन आया कि आप डिजिटली पेमेंट कर दीजिए. मैंने कहा ठीक है आपका paytm नंबर दे दीजिए कुछ 1500 के लगभग का पेमेंट था. उसने कहा कि आप फ्यूचर पे ऐप के थ्रू ही पेमेंट कर सकते है. मैंने कहा कि यह तो जबरदस्ती वाली बात हो गयी मै नया पेमेंट एप्प क्यों डाउनलोड करू मै तो paytm से ही पेमेंट करूँगा या कार्ड से करूँगा या ऑनलाइन आपके खाते में ट्रांजेक्शन कर देता हूँ रिसीव होने पर ही माल देना।
बिग बाजार वाला साफ़ नकर गया उसने कहा या तो आप फ्यूचर पे ऐप से करो या आप अमेजन पे से पेमेंट करो, उसने बहुत कहा कि ये एप्प सिक्योर है लेकिन मुझे नया एप्प रखना नही था उसने थकहार के आर्डर केंसल कर देने को कहा मैंने भी आर्डर केंसल कर दिया.
मैंने इस बारे में सोचा कि आखिर इतना बड़ा स्टोर ऐसा व्यहवार क्यों कर रहा है, अपने स्टोर का एप्प है इसलिए वह दबाव डाल रहा है यह बात तो समझ में आती है लेकिन paytm में क्या बुराई है। एक दो दिन में ही मुझे समझ आ गया कि मार्केट में आखिर चल क्या रहा है दरअसल paytm है अली बाबा ग्रुप समर्थित कम्पनी जो दरअसल चीनी कम्पनी है। और कोरोनाकाल में डिजिटल मनी वार शुरू हो गयी है एक तरफ चीन है और दुसरी तरफ अमेरिका अब अमेरिकी कम्पनियो ने चीन की एप्प को साफ़ मना करना शुरू कर दिया है आज भी बड़ी गजब की खबर आयी है.
अमेरिका के इक्विटी फर्म KKR ने आज मुकेश अम्बानी के जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.5 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया है रिलायंस समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में लगातार कई अमेरिकी कंपनियां भारी निवेश कर रही हैं, एक महीने के भीतर ही रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक इंक, जनरल अटलांटिक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी पार्टनर्स के द्वारा निवेश का ऐलान किया जा चुका है.रिलायंस दरअसल जियो को सिर्फ टेलीकॉम ऑपेरटर नहीं बल्कि एक डिजिटल कंपनी के रूप में विकसित कर रही है. चाइना को लाल लाल आँखे और अमेरिका का वेलकम.
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार एंव आर्थिक मामलों के जानकार हैं)